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New Year 2020: फरियाद से बचे लोग, कर्मचारी रहे मुस्तैद; असपतालो में सन्नाटा

नए साल में सरकारी कार्यालयों में फरियादियों की संख्या ना के बराबर दिखी। अधिकतर लोग साल के पहले दिन शिकायत लेकर पहुंचने से बचते दिखे।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:01 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:01 AM (IST)
New Year 2020: फरियाद से बचे लोग, कर्मचारी रहे मुस्तैद; असपतालो में सन्नाटा
New Year 2020: फरियाद से बचे लोग, कर्मचारी रहे मुस्तैद; असपतालो में सन्नाटा

देहरादून, जेएनएन। साल के पहले दिन की शुरूआत हर कोई सुख-शांति की कामना के साथ करता दिखा। हर किसी ने वही काम करने की कोशिश की, जिसकी उम्मीद वह साल के बाकी सभी दिनों के लिए कर सकता है। हकीकत भले ही जुदा हो जाए, मगर मन का विश्वास यही कहता है कि साल का पहला दिन जैसा होगा, बाकी के दिन भी उसी के अनुरूप होंगे। यही कारण है कि सरकारी कार्यालयों में फरियादियों की संख्या ना के बराबर दिखी। अधिकतर लोग साल के पहले दिन शिकायत लेकर पहुंचने से बचते दिखे। वहीं, सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इस उम्मीद के साथ समय पर दफ्तर पहुंचे कि बाकी के दिन भी इसी तरह उपलब्ध रहेंगे। 

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फरियादियों की सबसे अधिक संख्या कलक्ट्रेट में देखने को मिलती है, जबकि पहली तारीख को यहां के तमाम कार्यालय लगभग खाली रहे। यहां तक कि संयुक्त कार्यालय में भी कर्मचारियों के अलावा दिनभर इक्का-दुक्का लोग ही दिखे। जो लोग आए भी उनके काम झटपट हो गए। कुछ ऐसा ही नजारा नगर निगम का भी था। जो कुछ लोग काम के लिए आ रहे थे, उनका समाधान झटपट कर दिया गया।

काश कि काम पर मुस्तैद कार्मिकों की स्थिति सालभर ऐसी ही रहे, मगर सब कुछ उम्मीद के अनुरूप भी कहां हो पाता है। तभी तो जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, कार्यालयों में फरियादियों की संख्या तो बढ़ जाती है, मगर समाधान करने वाले या तो नदारद रहते हैं और उनकी वही सुस्त चाल हावी हो जाती है।

सफाई के साथ सफाई कर्मियों का हित भी जरूरी

जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बुधवार को कैंप कार्यालय में विभिन्न नगर निकायों के कार्मिकों की बैठक ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सफाई के साथ सफाई कर्मचारियों की स्थिति भी बेहतर होनी चाहिए। गुरुवार को राष्ट्रीय सफाई आयोग के अध्यक्ष मनहर वल्जी भाई जाला सफाई कर्मचारियों से जुड़े कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। 

लिहाजा, सभी कार्मिक इस संबंध में पूरा विवरण तैयार कर लें। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने सफाई कर्मचारियों व उनके परिवार को आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने के काम में तेजी लाने को भी कहा। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता नमित रमोला आदि उपस्थित रहे।

नए साल पर सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था होगी पुख्ता

नए साल पर दून के सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने अधिकारियों के साथ बैठक ली। नगर आयुक्त ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होने वाला है। लिहाजा जिन-जिन क्षेत्रों में जनता की अधिक शिकायत आ रही है, वहां अधिक ध्यान दिया जाए। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन से लेकर कूड़ेदानों को भी बेहतर स्थिति में रखने की बात उन्होंने कही। बैठक में सहायक नगर आयुक्त संजय कुमार, उप नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सिंह आदि उपस्थित रहे। 

   

बैठक में रहे पूर्ति कार्मिक, नहीं बने राशन कार्ड

जिला पूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड बनवाने पहुंचे लोगों को पहले दिन निराशा हाथ ली। जिला पूर्ति कार्यालय के अधिकतर कार्मिक विभागीय बैठक के चलते कार्यालय से अनुपस्थित रहे। ऐसे में लोग काफी देर तक लाइन में ही खड़े रहे और फिर मायूस होकर लौट गए।

आरटीओ में सामान्य रहा दिन

अन्य कार्यालयों से इतर आरटीओ कार्यालय में सामान्य दिनों की तरह भीड़-भाड़ देखने को मिली। इसकी बड़ी वजह यह रही कि लाइसेंस बनाने वाले जिन लोगों को एक जनवरी की तारीख मिली थी, उन्हें इस काम के लिए पहुंचना ही था। साथ ही टैक्स जमा कराने वाले लोग भी काफी संख्या में पहुंचे थे।

अच्छे स्वास्थ्य की कामना, अस्पताल से किया परहेज

साल के पहले दिन दून अस्पताल (दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय) की ओपीडी में मरीजों की तादाद बहुत कम रही। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे यानी नियत वक्त से ढाई घंटे पहले ही ओपीडी ब्लॉक में सन्नाटा पसर गया। बुधवार को ओपीडी लगभग आधे पर सिमट गई। ओपीडी में महज 680 मरीज पहुंचे, जबकि आमतौर पर अस्पताल में ओपीडी डेढ़ से दो हजार के बीच रहती है। 

वहीं, कोरोनेशन व गांधी अस्पताल में भी बेहद कम मरीज पहुंचे। ऐसे में मरीजों का जबरदस्त दबाव झेलने वाले डॉक्टरों ने साल के पहले दिन राहत की सांस ली। आमतौर पर लोग साल के पहले दिन अस्पताल जाने से परहेज करते हैं। 

इसका असर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी दिखा। आम दिनों में मरीजों से ठसाठस रहने वाली अस्पताल की ओपीडी, पैथोलॉजी, पंजीकरण, दवा व बिलिंग काउंटर दिनभर खाली रहे। यहां इक्का-दुक्का मरीज ही दिखाई दिए। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जगह भी यही हाल था। वहीं, कोरोनेशन व गांधी अस्पताल में भी कमोबेश यही स्थिति रही। 

गांधी अस्पताल में सामान्य दिनों में ओपीडी 200 तक रहती है। पर बुधवार को महज 39 मरीज ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। वहीं कोरोनेशन अस्पताल में भी ओपीडी 300 से घटकर तकरीबन डेढ़ सौ पहुंच गई। कोरोनेशन व गांधी अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला का मानना है कि साल के पहले दिन लोग झिझक के कारण अस्पताल से दूरी बनाते हैं। 

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वहीं, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा के अनुसार साल के पहले दिन ज्यादातर लोग अस्पताल से परहेज करते हैं। इसके चलते मरीजों की संख्या काफी कम रही। पिछले कई वर्षों में मरीजों की इतनी कम संख्या पहली बार देखी गई है।

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