पंचायतों में करोड़ों का घपला, एसआइटी जांच
14 वें वित्त आयोग से आवंटित धनराशि से पंचायतों में हुई खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्यों में हुआ यह घपला करोड़ों तक पहुंचने का अंदेशा है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में पंचायतों को मिले सरकारी धन की खूब बंदरबांट हो रही है। 14 वें वित्त आयोग से आवंटित धनराशि से हुई खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्यों में हुआ यह घपला करोड़ों तक पहुंचने का अंदेशा है। पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय ने इसके साथ ही पंचायतों में वर्ष 2015-16 से अब तक हुए कार्यों की एसआइटी जांच के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। इससे पहले विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने विभाग की प्रमुख सचिव को आड़े हाथ लिया। 14 वें वित्त आयोग से पंचायतों को जारी की गई धनराशि के दुरुपयोग का मामला तब सामने आया, जब उत्तरकाशी जिले में आपदा से निबटने को खरीदी गई सामग्री में अनियमितता की शिकायत हुई।
जांच में इसकी पुष्टि भी हुई। इस बीच अन्य जिलों से भी खरीद-फरोख्त के साथ ही निर्माण कार्यों में धांधली को लेकर शिकायतें विभागीय मंत्री अरविंद पांडेय तक पहुंची। शिकायतों में उल्लिखित बिंदुओं को देख मंत्री भी सन्न रह गए। बताते हैं कि कुछ जगह एक सोलर बैटरी 22 हजार रुपये में खरीदना दर्शाया गया, जबकि इसका बाजार मूल्य सात हजार रुपये है।
जिस यात्री शेड को 30 हजार में बनना था, उस पर 50 हजार रुपये खर्च दर्शाये गए। इसी प्रकार आपदा किट, एलईडी लाइट, वाटर कूलर, कीटनाशक दवा खरीद के साथ ही विभिन्न निर्माण कार्यों में भी अनियमिताएं बरते जाने की बात सामने आई है। इस सबके मद्देनजर विभागीय मंत्री पांडेय ने बुधवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की योजनाओं की समीक्षा की।
इसमें उन्होंने 14 वें वित्त आयोग से आवंटित धनराशि से खरीद-फरोख्त व निर्माण कार्यों में अनियमितता को लेकर सख्त नाराजगी जाहिर की। बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में काबीना मंत्री पांडेय ने कहा कि पंचायतों का काम फाइलों व धरातल पर देखने पर आया कि सरकारी धन को सही ढंग से खर्च नहीं किया गया। इसमें हजारों करोड़ के घपले का अंदेशा है।
इसे देखते हुए पंचायतों को वर्ष 2015-16 से अब तक आवंटित धनराशि से हुए खर्च पर एसआइटी जांच के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं। जांच के बाद ही सामने आ पाएगा कि वास्तविक घपला कितने का है। मंत्री ने कहा कि यदि विभागाध्यक्ष से लेकर प्रमुख सचिव के स्तर तक ठीक से समीक्षा होती तो इतना बड़ा घोटाला नहीं होता और विकास चौगुना होता।
उन्होंने बताया कि एसआइटी जांच के मद्देनजर समन्वय के लिए प्रमुख सचिव पंचायती राज मनीषा पंवार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में आवंटित धनराशि आमजन की है, जिसके भुगतान में अनियमितता या डुप्लीकेसी नहीं होनी चाहिए।
मूल्यांकन एवं अनुश्रवण के निर्देश
विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में पंचायती राज मंत्री ने प्रमुख सचिव एवं निदेशक को समय-समय पर योजनाओं में संचालित कार्यों के निरंतर मूल्यांकन एवं अनुश्रवण के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अपर मुख्य अधिकारियों से आगामी 15 दिन में फिर होने वाली समीक्षा बैठक में कार्ययोजना सहित उपस्थित रहने के निर्देश दिए। उन्होंने वित्त आयोग से प्राप्त राशि से क्रय की गई सामग्री की दर आदि का विवरण भी अगली समीक्षा बैठक में लाने को कहा। बैठक में प्रमुख सचिव पंचायती राज मनीषा पंवार, निदेशक एचसी सेमवाल समेत सभी जिला पंचायतीराज अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी मौजूद थे।
ईमानदारी का लाभ विभाग को मिलना चाहिए
काबीना मंत्री पांडेय ने बैठक में कहा कि, प्रमुख सचिव पंचायतीराज की ईमानदारी पर कोई शक नहीं है, लेकिन इसका फायदा विभाग को मिलना चाहिए। लंबे समय से विभाग में यह सब चल रहा है तो निगाह क्यों नहीं रखी गई।
मंत्री से लेकर अफसर तक सभी जिम्मेदार
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पंचायतों में हुए घपले के लिए प्रमुख सचिव से लेकर निचले स्तर तक के अफसर, सभी जिम्मेदार हैं। साथ ही बोले कि अगर कहीं धोखे से मुझसे भी साइन हो गए हों तो मैं भी जिम्मेदार हूं।
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