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अल्मोड़ा के लोक अभियोजकों की होगी जांच

अल्मोड़ा में मुकदमों में सजा का प्रतिशत कम होने पर पुलिस मुख्यालय ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 07:55 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 07:55 PM (IST)
अल्मोड़ा के लोक अभियोजकों की होगी जांच
अल्मोड़ा के लोक अभियोजकों की होगी जांच

जागरण संवाददाता, देहरादून: अल्मोड़ा में मुकदमों में सजा का प्रतिशत कम होने पर पुलिस मुख्यालय ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। शनिवार को राज्य के अभियोजन अधिकारियों की समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था व निदेशक अभियोजन अशोक कुमार ने अल्मोड़ा के लोक अभियोजकों के विरुद्ध जांच की संस्तुति कर दी है। वहीं, देहरादून और उत्तरकाशी के सहायक अभियोजन अधिकारियों को मुकदमों की मजबूत पैरवी के लिए प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।

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पुलिस मुख्यालय सभागार में लोक अभियोजकों के कार्यो की समीक्षा करते हुए निदेशक अभियोजन अशोक कुमार ने कहा कि अदालतों में केस की मजबूत पैरवी की जाए, ताकि अपराधी किसी भी सूरत में बचने न पाए। यदि किसी कारण अपराधी मुकदमे में छूट जाता है उसकी अपील जरूर दायर की जाए। लोक अभियोजकों को सजा का प्रतिशत बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि अभियोजन की लापरवाही की वजह से गंभीर प्रकार के अपराधों में कोई अभियुक्त रिहा न होने पाए। इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी। उत्तरकाशी में गुणवत्तापूर्ण अभियोजन कार्य करने के लिए अभियोजन प्रभारी व देहरादून में तैनात सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव को उनके अच्छे अभियोजन कार्य के लिए प्रशस्ति पत्र दिए जाने की घोषणा की। वहीं, अल्मोड़ा में अभियोजकों का सजा का प्रतिशत कम होने के कारण उनके विरुद्ध जाच की संस्तुति की गई है। अधिकारियों को सजा का प्रतिशत बढ़ाने की सख्त हिदायत दी गई है।

समीक्षा बैठक में अपर निदेशक (विधि) हरि विनोद जोशी, जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनिताल, सीआईडी एवं अभियोजन मुख्यालय के संयुक्त निदेशक विधि सहित सभी जनपदों के अभियोजन अधिकारी मौजूद रहे।

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यह भी दिए निर्देश

- पेशेवर अपराधों जैसे चोरी, लूट, नकबजनी व गैंगेस्टर की पैरवी न्यायालय मे सही प्रकार से की जाए।

- अधिक से अधिक मामलों में न्यायालयों में अपील की जाए। मुकदमे में आरोपित के छूटने पर अपील जरुर दायर हो।

- मालखानों में लंबित पड़े माल मुकदमाती का निस्तारण अधिक से अधिक किया जाए।

- सदर मालखाने की साफ सफाई की जाए तथा मालों के निस्तारण हेतु विशेष अभियान चलाया जाए।

- न्यायालयों में लंबित पुराने वादों के निस्तारण को वरीयता दी जाए।

- अभियोजन विभाग के जनपद प्रभारियों की त्रैमासिक बैठक हो।

- जिलों में अभियोजन का ढाचा बढ़ाने हेतु शासन से पत्राचार किया जाएगा।

- ई-प्रोसीक्यूशन की कार्रवाई में तेजी लाने को कहा गया।


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