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    उत्‍तराखंड की राजधानी देहरादून में जगह-जगह लगे पोस्टर, 'पालतू कुत्तों के मालिक सावधान'

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 01:09 PM (IST)

    देहरादून नगर निगम पालतू कुत्तों के मालिकों पर सख्ती कर रहा है बिना लाइसेंस वाले कुत्तों पर चालान किए जा रहे हैं। पंजीकरण और टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है जागरूकता के लिए पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं आवारा कुत्तों के आक्रामक रवैये पर निगम सुस्त है केवल शिकायत आने पर कार्रवाई का दावा किया जा रहा है। पिछले महीने में 389 कुत्तों का पंजीकरण हुआ है।

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    शहर में कुत्तों को लेकर जागरूक करने और चेतावनी देने के लिए नगर निगम ने पोस्टर बैनर लगाए हैं। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर निगम देहरादून ने कुत्ते पालने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नियम विरुद्ध और बिना पंजीकरण कुत्ते पालने वालों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है।

    निगम का दावा है कि पालतू श्वानों के पंजीकरण, बंध्याकरण और टीकाकरण को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। निगम की ओर से शहरभर में पोस्टर-बैनर लगाकर आमजन को जागरूक करने के साथ ही चेतावनी भी दी गई है। हालांकि, आवारा कुत्तों के आक्रामक रवैये को लेकर निगम अब भी सुस्ती बरत रहा है।

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    नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर सभी 100 वार्डों में पालतू कुत्तों के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। निगम ने 600 बड़े बैनर और छोटे पोस्टर शहरभर में लगाए हैं। इसके साथ ही कूड़ा वाहनों में जिंगल और लाउडस्पीकर के माध्यम से आमजन से अपील की जा रही है कि वे अपने पालतू कुत्तों का पंजीकरण नगर निगम में कराएं।

    वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. वरुण अग्रवाल के अनुसार पालतू श्वानों का डाटा निगम के पास उपलब्ध रहने से नियंत्रण आसान होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कुत्तों को खुले में न छोड़ें, बाहर घुमाते समय चैन और मज़ल का प्रयोग करें तथा खुले में गंदगी करने से रोकें। नियमों का पालन न करने पर सीधे चालान की कार्रवाई होगी।

    शिकायतें और पंजीकरण की स्थिति

    पिछले एक माह में नगर निगम ने पालतू कुत्तों को लेकर प्राप्त शिकायतों पर 29 कार्रवाई की है। इसी दौरान 389 कुत्तों का पंजीकरण कराया गया, जबकि दस्तावेज पूरे न होने के कारण 178 आवेदन लंबित हैं। खूंखार प्रजाति के कुत्तों का अभी पंजीकरण नहीं किया जा रहा है। फिलहाल ऐसे कुत्तों के मालिकों को उनका बंध्याकरण व टीकाकरण कराने को कहा गया है।

    आवारा कुत्तों की समस्या जस की तस

    नगर निगम पालतू कुत्तों पर तो सख्ती बरत रहा है, लेकिन शहरभर में फैले आवारा कुत्तों को लेकर उदासीन है। निगम के अनुमान के मुताबिक शहर में 50 हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं।

    इनमें से बड़ी संख्या का बंध्याकरण होने का दावा है, लेकिन लगभग हर वार्ड में दर्जनों आक्रामक कुत्ते अब भी मौजूद हैं, जो आए दिन लोगों पर हमले कर रहे हैं। बावजूद इसके निगम द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। निगम केवल शिकायत आने पर कार्रवाई का दावा करता है।