पॉजिटिव केस मिलने के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, अब मंडी में भी होगी सैंपलिंग
स्वास्थ्य विभाग ने मंडी परिसर में फल-सब्जी व्यापारियों की रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।
By Edited By: Published: Thu, 21 May 2020 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 02:55 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मंडी में कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूट गई है। अब विभाग ने मंडी परिसर में फल-सब्जी व्यापारियों की रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। जबकि, छह दिन से मंडी समिति की ओर से सैंपलिंग की व्यवस्था को लिखा गया पत्र सीएमओ कार्यालय में धूल फांक रहा था। वहीं, दैनिक जागरण भी पूर्व में कई बार मंडी में सैंपलिंग की आवश्यकता पर जोर देता रहा है।
दरअसल, गुरुवार को मंडी में एक आढ़ती के यहां काम करने वाले व्यक्ति में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई। यह सूचना मिलते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया। मंडी समिति तो इससे सकते में है ही स्वास्थ्य महकमे को भी झटका लगा है। केस आने के तत्काल बाद स्वास्थ्य विभाग ने मंडी में रैंडम सैंपलिंग का निर्णय लिया। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला सर्विलांस अधिकारी को निर्देशित किया है। सीएमओ ने कहा कि निरंजनपुर मंडी में प्रतिदिन फल-सब्जी के क्रय-विक्रय को बड़ी संख्या में व्यापारी व श्रमिक एकत्रित होते हैं। साथ ही यहां बाहरी राज्यों से भी वाहन सब्जी-फल लेकर आते हैं। ऐसे में यहां कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए यहां रैंडम सैंपलिंग की व्यवस्था शुरू की जा रही है।
मंडी समिति ने की थी सैंपलिंग की मांग हाई रिस्क एरिया होने के बावजूद मंडी में रैंडम सैंपलिंग न होने का नतीजा है कि यहां एक कोरोना पॉजिटिव केस आ गया है। इसी आशंका के चलते मंडी समिति के सचिव विजय थपलियाल ने बीते 16 मई को स्वास्थ्य विभाग से मंडी में सैंपलिंग की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी के नाम पत्र भेजा था। जिस पर कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मंडी सचिव ने फोन पर भी रिमांइडर दिया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सोया रहा। अब जबकि, मंडी परिसर में पॉजिटिव केस सामने आ गया है तो स्वास्थ्य विभाग ने उस पत्र का संज्ञान लेते हुए व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
जागरण ने सैंपलिंग की आवश्यकता पर दिया था जोर करीब दो सप्ताह पूर्व दिल्ली की आजादपुर मंडी में एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी दून में कोई एहतियाती कदम नहीं उठाए गए। तब से ही दैनिक जागरण मंडी जैसे हाई रिस्क एरिया में सैंपलिंग की आवश्यकता पर जोर दे रहा था। लेकिन, स्वास्थ्य महकमे ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मंडी के विस्तार की दरकार
देहरादून मंडी 17.46 एकड़ में फैली है। इस मंडी में छोटी-बड़ी 328 दुकानें और 10 गोदाम हैं। यहा 712 लाइसेंसी कारोबारी और 384 दुकान विहीन लाइसेंसी कार्यरत हैं। स्थानाभाव के चलते इसका विस्तार नहीं हो पा रहा। ऐसे में यहां अक्सर जबरदस्त भीड़ रहती है और शारीरिक दूरी के अनुपालन की भी चुनौती रहती है।
देशभर से आते हैं तकरीबन 150 वाहन देहरादून मंडी में देश के विभिन्न राज्यों से रोजाना करीब 150 छोटे-बड़े वाहन पहुंचते हैं। जिनमें करीब 30 बड़े ट्रक और 120 छोटे वाहन होते हैं, जिनमें चालक समेत दो व्यक्ति प्रति वाहन मंडी में प्रवेश करता है। इसके अलावा यहां थोक और फुटकर व्यापारी भी सैकड़ों की संख्या में एक समय में मौजूद रहते हैं। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। दून में मुख्यत: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, हैदराबाद, कर्नाटक आदि से फल-सब्जियां पहुंचती हैं। इनमें से दिल्ली और महाराष्ट्र रेड जोन में हैं और राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक ऑरेंज जोन में हैं।
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