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पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चलाना होगा कोवर्ट ऑपरेशन

रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार तमाम बिंदुओं पर काम करे और पाकिस्तान को इसका मुंह तोड़ जवाब दें।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 07:54 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 07:54 PM (IST)
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चलाना होगा कोवर्ट ऑपरेशन
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए चलाना होगा कोवर्ट ऑपरेशन

देहरादून, जेएनएन। कश्मीर के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह है कि हम अपनी ओर से न तो आतंकियों के लोकल सपोर्ट पर लगाम लगा पाए हैं और न ही उन राजनेताओं पर जो एंटी नेशनल स्लोगन चलाते हैं। जब तक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने कैंप और आतंकियों के लोकल सपोर्ट व फंडिंग नेटवर्क को नेस्तानाबूद नहीं किया जाएगा, ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार इन तमाम बिंदुओं पर काम करे और पाकिस्तान को इसका मुंह तोड़ जवाब दें। 

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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक कहते हैं कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने कैंप, जहां आतंकी तैयार किए जा रहे हैं, उन्हें बर्बाद करने होगा। यह शिविर 70 सालों से आतंकी तैयार कर रहे हैं। इतना ही नहीं सिविल सपोर्ट के कारण सेना को सर्च ऑपरेशन तक में दिक्कत आती है। आतंकियों को लगातार बैकग्राउंड सपोर्ट मिलता है। स्थानीय लोगों की मदद  बिना ऐसा हमला संभव नहीं है। आतंकी गांव में ठहरे थे। अगर इंटेलिजेंस सिस्टम मजबूत होता तो आतंकियों के मंसूबे कामयाब नहीं होते। एक वक्त पर सेना ने मिजोरम में विशेष ऑपरेशन चलाया था, जिसका नतीजा है कि आज वहां शांति कायम है। सरकार को बिना दबाव में आए इस दिशा में काम करना होगा। 

सेवानिवृत्त ले. जनरल एमसी भंडारी ने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक या अन्य कार्रवाई से सुरक्षा बलों का भरोसा बढ़ेगा, लेकिन इससे आतंकी ढांचा खत्म नहीं होगा। भारत को अपने कोवर्ट ऑपरेशन की ताकत को बढ़ाना होगा। ऐसा कुछ किया जाना चाहिए, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हो। यही नहीं, मुल्क के भीतर आतंकियों के समर्थकों से भी पार पाना होगा। पुलवामा हमले के पीछे एक लंबी प्लानिंग थी। यह इंटेलिजेंस की भी बड़ी चूक है। जरूरत तकनीकी और मानवीय इंटेलिजेंस के बीच गैप भरने की भी है। वहीं, पाकिस्तान को कूटनीतिक, राजनीतिक व सामरिक, हर मोर्चे पर मात देनी होगी। 

वही, रिटायर्ड ब्रिगेडियर केजी बहल का कहना है कि आतंकवाद पर छोटे से देश इजराइल से भारत को सीखने की आवश्यकता है। आतंकवादी चाहे देश के भीतर हों या बाहर से आएं, एक भी आतंकवादी जिंदा नहीं बचना चाहिए। कूटनीतिक बातें पाकिस्तान को समझ नहीं आती। हमें उसी भाषा में बात करनी होगी। सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो हम खुश थे, पर इसके बाद लंबा फुल स्टॉप लग गया। हमें एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करनी होगी, ताकि उसे वह दर्द महसूस हो, जिससे आज पूरा देश गुजर रहा है। इस बीच अगर हम बड़ी कार्रवाई करते हैं तो आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान टूट जाएगा। बहरहाल सरकार ने सेना के हाथ खोल दिए हैं और सही समय पर सही कार्रवाई होगी। 

सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आरएस रावत कहते हैं कि देश में इंटेलीजेंस सिस्टम को मजबूत करने की आवश्यकता है। जब सीएआरपीएफ का काफिला चल रहा था, तो आसपास सिविलियन गाड़ी नहीं होनी चाहिए थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि इतने बड़े हमले को बिना लोकल सपोर्ट अंजाम नहीं दिया जा सकता। इस पर छानबीन के बाद कार्रवाई की जरूरत है। राजनीतिक, कूटनीतिक व सामरिक, हर मोर्चे पर पाकिस्तान पर दबाव बनाना होगा। पाकिस्तान को ठीक उसी ढंग से वन टाइम लेसन देना होगा, जैसा 1971 की लड़ाई के वक्त दिया था। बगैर लड़ाई छेड़े पाकिस्तान को जोर का झटका देना ही होगा। आतंकियों को स्थानीय स्तर पर समर्थन मिल रहा है, जो आतंकवाद खत्म करने में बाधा डाल रहा है। इस पर भी सिलसिलेवार काम करना होगा। 

बीएसएफ के रिटायर्ड आइजी एसएस कोठियाल ने कहा कि मैंने पूर्व में बतौर डीआइजी, बीएसएफ उस इलाके में कार्य किया है। ऐसी घटनाएं बिना स्थानीय लोगों की मदद के असंभव हैं। 300 किलो विस्फोटक जुटाना और फिर उसे गाड़ी में भरकर सीआरपीएफ के काफिले में घुस जाना, एकाएक अंजाम दी गई घटना नहीं है। आतंकियों को काफिले के गुजरने की खबर पहले से थी और उन्होंने उसी गाड़ी को निशाना बनाया, जिसमें सबसे ज्यादा जवान थे। ऐसे में न केवल आतंकियों का खात्मा जरूरी है, बल्कि उनके सपोर्ट सिस्टम को भी पूरी तरह ध्वस्त करना होगा। एक-एक गांव में आतंकियों की तलाशी और उनको चुन-चुन कर मारा जाना चाहिए। आतंकियों की फंडिंग नेटवर्क को नेस्तनाबूद करना होगा। इस अभियान से ही कश्मीर से आतंकियों का समूल नाश हो सकता है। 

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