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बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म में तीन को आएगा फैसला Dehradun News

जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन फरवरी अदालत अपना फैसला सुनाएगी। स्कूल के छात्रों पर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 12:43 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 12:43 PM (IST)
बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म में तीन को आएगा फैसला Dehradun News
बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म में तीन को आएगा फैसला Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। सहसपुर स्थित जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन फरवरी अदालत अपना फैसला सुनाएगी। स्कूल के छात्रों पर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने और स्कूल प्रबंधन पर मामले को दबाने का आरोप है।

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शासकीय अधिवक्ता बीएस नेगी ने बताया कि इस मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। अब कोर्ट तीन फरवरी को फैसला सुनाएगी। अगस्त 2018 को हुई इस बहुचर्चित घटना के अनुसार बोर्डिंग स्कूल में इंटर में पढ़ने वाले दो और हाईस्कूल में पढ़ने वाले दो छात्रों पर हाईस्कूल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप है। 

पीड़ित छात्रा अपनी बड़ी बहन के साथ बोर्डिंग में रहती थी। तबीयत खराब होने पर पीड़िता ने अपनी बहन को इसकी जानकारी दी थी। बड़ी बहन ने जब स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो स्कूल प्रबंधन पीड़ित छात्रा को उपचार के लिए निजी चिकित्सक के पास ले गया। जहां पता चला कि छात्रा गर्भवती है। 

स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि घटना की पूरी जानकारी होने के बाद भी उसने स्वजनों को इसकी जानकारी नहीं दी। उन पर पीड़ित छात्रा को चुप कराने का गंभीर आरोप भी लगा था। इस मामले में पुलिस ने आरोपित छात्रों सहित स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा, उसकी पत्नी तनु, आया मंजू सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। अन्य नाबालिग आरोपित छात्रों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार्जशीट कोर्ट मे पेश की थी।

हत्या के मामले में पांच आरोपित बरी

सहसपुर क्षेत्र में 10 साल पहले युवक की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पुलिस ठोस सबूत नहीं जुटा सकी। इसके चलते न्यायालय ने पाचों आरोपितों को बरी कर दिया। घटना सात मई 2010 की है। 

अख्तर अली निवासी छरबा सहसपुर ने पुलिस को बताया था कि दोपहर करीब एक बजे उसके भाई वकील हसन को नूर हसन मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने साथ कहीं ले गया। रात करीब पौने 10 बजे रियाज नाम के युवक ने घर आकर बताया कि वकील की रेडापुर गांव में किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी है। 

शिकायत के आधार पर आठ मई को थाना सहसपुर के एसओ प्रवीण सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। वकील के शव से करीब 20 कदम की दूरी पर घास के अंदर एक खोखा बरामद हुआ। तब पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। जांच के बाद पुलिस ने क्षेत्र के ही अलीम, सोनू गैंसटन, सोनू कश्यप, इरफान और इरशाद को आरोपित बनाते हुए अदालत में उनके खिलाफ चार्जशीट पेश की। 

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बचाव पक्ष के वकील नरेश मित्तल ने बताया कि अदालत में पुलिस कोई पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई। इस कारण अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ गुरुबख्श सिंह की अदालत ने सभी आरोपितों को बरी कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 11 गवाह पेश किए थे।

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