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स्टिंग मामला: उमेश का सात घंटे का रिमांड, जमानत नामंजूर

स्टिंग के आरोप में फंसे निजी चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार की एसीजेएम तृतीय रिंकी साहनी की अदालत ने राजपुर पुलिस को सात घंटे की कस्टडी रिमांड दी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 04:34 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 04:34 PM (IST)
स्टिंग मामला: उमेश का सात घंटे का रिमांड, जमानत नामंजूर
स्टिंग मामला: उमेश का सात घंटे का रिमांड, जमानत नामंजूर

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड के कद्दावर नेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों के स्टिंग के आरोप में फंसे निजी चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार की एसीजेएम तृतीय रिंकी साहनी की अदालत ने राजपुर पुलिस को सात घंटे की कस्टडी रिमांड दी है। रिमांड की अवधि से गुरुवार सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक प्रभावी होगी। वहीं, बचाव पक्ष की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है।

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अदालत में बुधवार को पहले उमेश जे कुमार की पुलिस कस्टडी रिमांड और उसके बाद जमानत अर्जी पर बहस हुई। अभियोजन पक्ष ने पांच दिन की रिमांड के लिए चार बिंदुओं पर तर्क पेश किया। इसमें फोन व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों के अनलॉक करने, पासवर्ड जानने, पिस्टल की बरामदगी, पूर्व में किए गए स्टिंग के वीडियो-आडियो की रिकवरी और दून के बाहर स्थित ठिकानों की तलाशी शामिल थे। वहीं, बचाव पक्ष ने कहा कि पुलिस के पास रिमांड लेने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। पुलिस पहले ही सर्च वारंट पर उमेश के घर और कार्यालय की तलाशी ले चुकी है। रिमांड पर लेकर पुलिस थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर उनके मुवक्किल से आरोप स्वीकार कराना चाहती है। अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद सात घंटे की रिमांड स्वीकृत कर दी और कहा कि इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से कोई एक व्यक्ति ऐसे स्थान पर मौजूद रहेगा, जहां से रिमांड के दौरान वह पुलिस कार्रवाई को देख सके। वहीं, अदालत ने उमेश जे कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। अब बचाव पक्ष की ओर से गुरुवार को सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की जाएगी। 

सीज किया उमेश का पासपोर्ट

राजपुर पुलिस ने उमेश जे कुमार का पासपोर्ट जब्त कर सीज कर दिया है। ताकि वह विदेश यात्रा न कर सके। बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि यदि उमेश को जमानत मिल जाती है तो वह देश छोड़ कर भाग सकता है। 

उमेश कुमार की सुरक्षा पर केंद्र को भेजा पत्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के स्टिंग के प्रयास मामले में आरोपित निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा को केंद्र से मुहैया सुरक्षा को लेकर शासन ने केंद्र को पत्र लिखा है। इसमें उमेश कुमार पर प्रदेश में दर्ज मुकदमे की जानकारी देने के साथ ही सुरक्षा के संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस समय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के स्टिंग के प्रयास का मुद्दा छाया हुआ है।

इस मामले में मुख्य आरोपित उमेश कुमार शर्मा को केंद्र से सीआरपीएफ की सुरक्षा मिली हुई है। उमेश कुमार शर्मा की गिरफ्तारी के बाद भी सीआरपीएफ की सुरक्षा टुकड़ी उनके साथ ही लगी हुई थी। मंगलवार को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा टुकड़ी कोर्ट तक पहुंची थी। इससे प्रदेश की पुलिस को काफी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। अब क्योंकि यह सुरक्षा केंद्र द्वारा दी गई है इसलिए पुलिस इस मामले में कुछ कर भी नहीं पा रही थी। इस पर गृह व पुलिस विभाग ने आपसी विचार विमर्श के बाद इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखने का निर्णय लिया।

बुधवार को गृह विभाग ने पूरे प्रकरण से संबंधित पत्र केंद्र को भेजा है। इसमें स्टिंग प्रकरण के मुख्य आरोपित उमेश कुमार शर्मा पर दर्ज मुकदमे और उस पर लगाई गई धाराओं का जिक्र किया गया है। गृह विभाग ने केंद्र से उमेश कुमार शर्मा पर दर्ज मुकदमे के आधार पर केंद्र से उन्हें दी गई सुरक्षा के संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया है। प्रमुख सचिव गृह आनंद व‌र्द्धन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा केंद्र ने दी है। इसलिए केंद्र को पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए सुरक्षा के संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया गया है।

सोशल मीडिया पर चर्चा में रहा वायरल आडियो टेप

निजी चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार और उस पर ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराने वाले आयुष गौड़ के बीच हुई बातचीत का कथित आडियो टेप बुधवार को सोशल मीडिया में चर्चा में रहा। इस टेप में दोनों ने एक-दूसरे का नाम नहीं लिया है, लेकिन दोनों में जो बातें हो रही हैं, उससे इसके उमेश और आयुष के बीच बातचीत होने की ओर पुख्ता संकेत मिलते हैं। 

करीब तीन मिनट नौ सेकेंड के इस टेप से जाहिर हो जाता है कि किस तरह ओपी का स्टिंग करने के लिए मृत्युंजय मिश्रा को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया। हालांकि उमेश के द्वारा फोन पर आयुष को जो प्लानिंग बताई गई थी, अगर वह पूरी हो जाती तो सरकार के लिए असहज होने वाली स्थिति पैदा हो सकती थी। आडियो टेप में एक शख्स दूसरे को समझा रहा है कि कैसे स्टिंग करना है और कौन उसे अफसर से मिलवाएगा। यह भी कहा गया है कि अफसर से किसी भी हाल में यह कहलवाना है कि सीएम से वह खुद बात कर लेंगे। यह हो जाने के बाद अफसर को प्रसाद (कैश) देना था। वहीं मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाला शख्स यह कहता कि वह खुद प्रसाद आगे बढ़ाएगा तो उसे आश्वस्त करना था कि काम हो गया तो पैसे की लाइन लगा देंगे। टेप में एक शख्स इस बात पर कई बार जोर देता है कि अफसर से यह जरूर कहलवाना है कि सीएम उनके साथ हैं।

इधर, एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि जब तक एफएसएल की रिपोर्ट नहीं आ जाती और आडियो टेप में जिन लोगों की आवाज है, उनके वायस सैंपल का मिलान नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। कांग्रेस बताए कि वह स्टिंग षड्यंत्र के पक्ष में है या विरोध में

मुख्यमंत्री के साथ ही आला अफसरों के स्टिंग ऑपरेशन की साजिश के मामले में कांग्रेस के बयानों पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डॉ. देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस से पूछा है कि स्टिंग षड्यंत्र मामले में यह बताए कि वह इस षड्यंत्र के पक्ष में या विरोध में। डॉ.भसीन ने कहा कि स्टिंग षड्यंत्र मामले की गहराई से जांच होनी है, ताकि इसका पूरा खुलासा हो सके। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में कांग्रेस नेता जिस प्रकार बयान दे रहे हैं, उससे इस आशय की बात सामने आ रही है कि कांग्रेस नेता स्टिंग षड्यंत्र के पक्ष में कोई खेल कर रहे हैं, जिससे मामला भटक जाए। इससे कांग्रेस के अंदर की राजनीति भी दिखाई दे रही है, क्योंकि पिछले चर्चित स्टिंग को लेकर भी कांग्रेस के ही अंदर कई चर्चाएं थीं। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष रूप से गहन जांच होगी और सभी बातों का खुलासा होगा। यदि कोई मामले को गलत दिशा देने या अनर्गल आरोप लगाने का प्रयास करेगा तो वे सफल नहीं होंगे। जहां तक एक व्यक्ति को सुरक्षा देने का सवाल है तो यह सुरक्षा तत्कालीन उप्र सरकार की संस्तुति पर दी गई थी। अब नये खुलासे होने पर नये रूप में कार्यवाही की जा रही है।

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