उत्तराखंड में निजी होम्योपैथिक चिकित्सकों ने भी बढ़ाया मदद का हाथ, देंगे नि:शुल्क सेवा
होम्योपैथिक चिकित्सक इस विषम परिस्थिति में सरकार के साथ खड़े हैं और कहीं भी अपनी निश्शुल्क सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना जंग जरूर हारेगा, क्योंकि इसके खिलाफ तमाम लोग एकजुट होने लगे हैं। केवल सरकारी सिस्टम ही इसका मुकाबला नहीं कर रहा बल्कि कई निजी संगठन और संस्थाएं भी आगे आई हैं। कोरोना को हराने के लिए अब निजी होम्योपैथिक चिकित्सक भी सरकार की मदद करेंगे।
होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड ने इस बावत मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि निजी होम्योपैथिक चिकित्सक इस विषम परिस्थिति में सरकार के साथ खड़े हैं और कहीं भी अपनी निश्शुल्क सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रणव ममगाईं का कहना है कि प्रदेशभर में इस वक्त 600 से अधिक होम्योपैथिक चिकित्सक निजी प्रैक्टिस करते हैं। यह अलग-अलग जगह पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और कई लोग दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में भी काम कर रहे हैं। इस समय जब प्रदेशभर में लॉकडाउन है और कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है, इन चिकित्सकों की भी बड़ी भूमिका हो सकती है।
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उनके लिए भी अपने देश और प्रदेश का ऋण चुकाने का यह अच्छा अवसर है। इस आपात स्थिति में कई होम्योपैथिक चिकित्सक आरबीएसके और एनएचएम के माध्यम से दिन-रात इस त्रासदी से लड़ने में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में निजी चिकित्सक भी सरकार के सहयोग के लिए तैयार हैं। निजी होम्योपैथिक चिकित्सक किसी भी जगह अपनी निश्शुल्क सेवा देने को तैयार हैं। डॉ. ममगाईं ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस आपात स्थिति में उन्हें सेवा का अवसर प्रदान किया जाए।
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