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आपको पैसों की है सख्त जरूरत तो चिंता न करें, घर बैठे लें एसबीआइ का इमरजेंसी लोन; ऐसे करें आवेदन

कामकाज बंद होने से अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल होने लगी है। ऐसे में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) ने अपने उपभोक्ताओं की ओर मदद का हाथ बढ़ाए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 10:27 PM (IST)
आपको पैसों की है सख्त जरूरत तो चिंता न करें, घर बैठे लें एसबीआइ का इमरजेंसी लोन; ऐसे करें आवेदन
आपको पैसों की है सख्त जरूरत तो चिंता न करें, घर बैठे लें एसबीआइ का इमरजेंसी लोन; ऐसे करें आवेदन

देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण कामकाज बंद होने से अधिकांश लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल होने लगी है। ऐसे में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) ने अपने उपभोक्ताओं की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए उन्हें सस्ती ब्याज दर पर इमरजेंसी लोन देने का एलान किया है। इसके साथ ही बैंक ने इस लोन की किश्त छह महीने बाद शुरू करने की बात कही है। यानी लोन लेने वाले उपभोक्ताओं को छह महीने तक किश्त देने की चिंता से भी आजादी रहेगी।

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एसबीआइ के इमरजेंसी लोन के लिए उपभोक्ताओं को घर से बाहर निकलने की जरूरत भी नहीं है। एसबीआइ के योनो एप की मदद से घर बैठे 45 मिनट के अंदर लोन मिल जाएगा। इस पर ब्याज भी 7.25 फीसद की दर से लगेगा, जो मौजूदा वक्त में सबसे कम है। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के निवेश सलाहकार जितेंद्र कुमार डंडोना ने बताया कि एसबीआइ के ग्राहक सिर्फ चार क्लिक में प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन पा सकते हैं।

इस लोन के लिए सप्ताह में सातों दिन और 24 घंटे में कभी भी आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इमरजेंसी लोन लेने के लिए ग्राहक को अकाउंट नंबर के आखिरी चार अंक लिखकर 567676 पर संदेश भेजना होगा। इसके बाद उपभोक्ता को मैसेज के जरिये बता दिया जाएगा कि वह लोन लेने के योग्य है या नहीं। योग्य ग्राहक को सिर्फ चार चरणों में लोन मिल जाएगा।

ऐसे करें आवेदन

  • पहला चरण: स्टेट बैंक का योनो एप डाउनलोड कर लॉग इन करें।
  • दूसरा चरण: एप में अवेल नाऊ पर क्लिक करें।
  • तीसरा चरण: समयावधि और राशि चुनें।
  • चौथा चरण: रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आएगा। इसे डालते ही रुपये खाते में आ जाएंगे।

श्रमिकों की मुश्किल आसान करेगा मनरेगा

लॉकडाउन में काम-धंधा बंद हो जाने से खाली बैठे श्रमिकों के लिए अब धीरे-धीरे कर राहत की उम्मीद बढ़ने लगी है। जैसे-जैसे लॉकडाउन में निर्माण, प्रतिष्ठान खोलने की ढील दी जा रही है, वैसे-वैसे श्रमिकों को काम भी मिलने लगा है। जिला प्रशासन अब तक मनरेगा में ही 4216 श्रमिकों को काम उपलब्ध करा चुका है। जिले में अभी मनरेगा के कुल 457 कार्य शुरू कर दिए गए हैं।

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जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पहले राहत शिविरों में रह रहे दूसरे राज्यों के 85 श्रमिकों को उनकी योग्यता के अनुसार विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य में लगा दिया गया है। बाकी श्रमिक जो यहीं रहना चाहेंगे, उन्हें भी काम उपलब्ध करा दिया जाएगा। गुरुवार को भी दो उद्योग प्रतिष्ठानों के 90 कार्मिकों को पास जारी किए गए। 

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