Coronavirus: क्वारंटाइन सेंटर की 55 साल से अधिक उम्र के कर्मी नहीं करेंगे निगरानी
गांवों और पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्रों की निगरानी में 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों की माता शिक्षिकाओं को नहीं लगाया जाएगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि गांवों और पंचायतों में बनाए गए क्वारंटाइन केंद्रों की निगरानी में 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों की माता शिक्षिकाओं को नहीं लगाया जाएगा।
सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से बातचीत में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकारी कार्मिकों के लिए भी गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। गांवों में क्वारंटाइन केंद्रों की निगरानी के लिए शिक्षकों और अन्य विभागों के कर्मचारियों को जिम्मा सौंपा गया है। इस काम में उन्हीं शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को लगाया जाना चाहिए, जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं है और वे किसी बीमारी से पीड़ित न हों। गर्भवती या 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की माता शिक्षिकाओं के साथ ही दिव्यांगों से भी यह कार्य नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा में अब तक पौने दो लाख लोगों को लाभ मिल चुका है।
औसतन तीन हजार से ज्यादा लोगों को इसमें नियोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रवासियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सस्ता खाद्यान्न दिया जाएगा। इस खाद्यान्न का उठान किया जा रहा है। जल्द ही इसे वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में उभारने की तैयारी है। ट्रैकिंग और होम स्टे को लेकर पर्यटकों की ओर से जानकारी लेने की सूचना है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा दी
होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग की ओर से सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा आर्सेनिक एल्बम-30 का वितरण किया गया। इस दौरान कोरोना काल में स्वस्थ रहने और संक्रमण से बचे रहने के तरीके भी बताए गए।
जिला होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग के कार्यवाहक संयुक्त निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. आनंद सिंह उनियाल के नेतृत्व में दैनिक जागरण कार्यालय पहुंची टीम ने यह दवा जनरल मैनेजर अनुराग गुप्ता को दी। इसके बाद दवा का कर्मियों में वितरण किया गया। संयुक्त निदेशक ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए रोग-प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना जरूरी है। अब तक प्रदेश में बड़ी मात्रा में इस दवा का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गोवा, केरल आदि राज्यों में आर्सेनिक एल्बम-30 का वितरण करने के बाद अच्छे परिणाम सामने आए।
इसे देखते हुए पूरे राज्य में होम्योपैथिक चिकित्सक एवं कर्मचारी रात-दिन कोरोना से बचाव के लिए फ्रंट लाइन कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस समय सभी क्वारंटाइन सेंटर, सर्विलांस दल, चेक पोस्टों पर स्क्रीनिंग और आपदा कंट्रोल रूम में भी कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर उप निदेशक डॉ. जेएल फिरमाल, रजिस्ट्रार डॉ. कमलजीत सिंह, डॉ. शैलेंद्र पांडेय मौजूद रहे।