coronavirus मरीजों की ट्रेकिंग को एप लॉन्च, जानिए इसके बारे में
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने एक मोबाइल एप लॉन्च किया है। इसका नाम उत्तराखंड कोविड-19 ट्रेकिंग सिस्टम रखा गया है।
देहरादून, जेएनएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने एक मोबाइल एप लॉन्च किया है। इसका नाम 'उत्तराखंड कोविड-19 ट्रेकिंग सिस्टम' रखा गया है। इसको गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप के माध्यम से जिन व्यक्तियों में कोरोना के लक्षण हैं, वह अपनी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे सकते हैं। किसी भी व्यक्ति द्वारा एप का उपयोग तब किया जा सकता है, जबकि उसमें या उसके परिवार के सदस्य या परिचित में बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश और सांस लेनी में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हों।
सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएगी। खास बात यह कि इस एप का प्रयोग कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पहचान और बचाव के विशेषण के लिए भी किया जा सकेगा। संबंधित व्यक्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति की जानकारी इससे मिल सकेगी, जिससे स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा रियल टाइम सिचुएशन में उपचार, बचाव और नियंत्रण के लिए सहायता प्रदान की जा सके। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के सहयोग से दसवीं के छात्र सिद्धार्थ माधव ने यह एप तैयार किया है।
छात्र संघ की राशि कोरोना राहत कोष में देने की पहल
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही छात्रएं भी आगे आ रही हैं। एमकेपी पीजी कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष मनीषा राणा नेकहा कि कोरोना वायरस के चलते देश का वर्तमान परिदृश्य संकट के दौर से गुजर रहा है। इसे देखते हुए इस वर्ष छात्रसंघ कोष की बची हुई धनराशि, जो कि छात्रसंघ समारोह और अन्य कार्यों में खर्च की जानी थी, वह कोरोना वायरस के बचाव के लिए राहत कार्यों में देंगें। उन्होंने कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेखा खरे और अन्य छात्रसंघ के पदाधिकारियों से भी अनुरोध किया की वह अपनी ओर से इस मदद में पहल करें।
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इसके साथ ही उन्होंने अन्य कॉलेज छात्रसंघ पदाधिकारियों से निवेदन किया कि वह भी छात्र संघ कोष में बची हुई धनराशि को कोरोना राहत कोष में दान दें ताकि इस राशि का उपयोग किसी गरीब को भोजन उपलब्ध करवाने में हो सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सभी एकजुट हैं, इसलिए एक-दूसरे के दुखों को भी समझना होगा और इस मुसीबत की घड़ी में एक-दूसरे की मदद को आगे आना होगा।
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