कोरोना से डरने की नहीं, लड़ने की जरूरत
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के नर्सिंग ऑफिसर जय कृष्ण साहू ऋषिकेश में सबसे पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। अब वह 33 दिन बाद स्वस्थ होकर वह अपने घर लौट गए हैं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के नर्सिंग ऑफिसर जय कृष्ण साहू ऋषिकेश में सबसे पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। अब वह 33 दिन बाद स्वस्थ होकर वह अपने घर लौट गए हैं। एक नए हौसले के साथ नर्सिंग ऑफिसर फिर से अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर मरीेजों की सेवा करना चाहते हैं। उनका कहना है कि कोरोना से डरने की नहीं बल्कि इससे लड़ने की जरूरत है। संक्रमित मरीज को समाज हीन भावना से ना देखें।
कोरोना संक्रमित होने के बाद एम्स में भर्ती साहू की रिपोर्ट पॉजिटिव आती रही। 25 मई को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। और बीते शुक्रवार की रात वह अपने घर 20 बीघा बापू ग्राम पहुंच गए। घर लौटने के बाद दैनिक जागरण ने नर्सिंग ऑफिसर जय कृष्ण साहू से जब बातचीत की तो वह आत्म बल से लबरेज नजर आए।
उन्होंने बताया कि पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मैं डरा नहीं, मेडिकल लाइन से जुड़ा हुआ हूं। थोड़ा चिता इस बात को लेकर हुई कि जब कोई बड़ा लक्षण नहीं है तो पॉजिटिव रिपोर्ट कैसे आ गई। वह बताते हैं कि उन्हें इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी है। चिकित्सालय में भर्ती रहा तो एम्स निदेशक और पूरी टीम ने उनका मनोबल बढ़ाने में पूरा साथ दिया। नर्सिंग ऑफिसर साहू का कहना है कि चिकित्सालय से डिस्चार्ज होने वाला कोरोना संक्रमित मरीज समाज के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है। समाज ऐसे व्यक्ति को हीन भावना से ना देखें। समाज को कोरोना को लेकर बहुत ही जागरूक होने की जरूरत है। जागरूकता, शारीरिक दूरी का पालन और सरकार की गाइडलाइन पर चलकर ही कोरोना को हराना आसान होगा।