प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आएं कोरोना विजेता, स्वास्थ्य विभाग ने की अपील
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी भले ही मिल गई है लेकिन प्लाज्मा दान करने के लिए अभी भी बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी भले ही मिल गई है, लेकिन प्लाज्मा दान करने के लिए अभी भी बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की रक्त संचरण परिषद ने कोरोना से जंग जीत चुके व्यक्तियों से प्लाज्मा दान करने की अपील की है। परिषद के निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने कहा है कि देश-दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है।
अब तक करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं। राज्य में भी 21 हजार से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। राहत की बात यह है कि कुल संक्रमितों में से करीब 68 फीसद स्वस्थ भी हो चुके हैं । ऐसे कोरोना विजेताओं से उन्होंने प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी जीवनदान साबित हो सकती है। लेकिन, यह तभी संभव है, जब अधिक से अधिक लोग प्लाज्मा दान करें। उन्होंने बताया कि प्लाज्मा दान करने के लिए लोग दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के फोन नंबर 7906913739 और सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के फोन नंबर 9997244005 पर संपर्क कर सकते हैं।
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दून अस्पताल के 'वॉर रूम' में कोरोना की दस्तक
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 'वॉर रूम' तक भी कोरोना की दस्तक हो चुकी है। यहां एक चिकित्सक के संक्रमित पाए जाने के बाद कोरोना के स्टेट को-ऑॢडनेटर एवं अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने खुद को आइसोलेट कर दिया है। इसके अलावा उनके स्टाफ में कार्यरत सात अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
वॉर रूम के मार्फत मरीजों को जरूरत के हिसाब से कोविड केयर सेंटर भेजना, डॉक्टरों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का कार्य भी संचालित होता है। 56 वर्षीय डॉ. खत्री हाई ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज हैं। इसलिए डॉक्टर ने उन्हें खास एहतियात बरतने की सलाह दी है। जल्द ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा।