Corona in Uttarakhand : प्रदेश में कोरोना के 32 नए मामले, 71 स्वस्थ, संक्रमण दर 2.51 प्रतिशत
Corona in Uttarakhand देहरादून में सबसे अधिक 164 हरिद्वार में 34 व नैनीताल में 27 सक्रिय मामले हैं। पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है। प्रदेश में फिलवक्त कोरोना के 272 सक्रिय मामले हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Corona in Uttarakhand : प्रदेश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 32 नए मामले मिले हैं। जबकि दोगुना से अधिक, 71 मरीज स्वस्थ हुए हैं। कोरोना से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं, कोरोना संक्रमण दर 2.51 प्रतिशत रही। प्रदेश में फिलवक्त कोरोना के 272 सक्रिय मामले हैं। देहरादून में सबसे अधिक 164, हरिद्वार में 34 व नैनीताल में 27 सक्रिय मामले हैं। पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है।
देहरादून में सबसे अधिक 17 लोग संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी व सरकारी लैब से 1276 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें 1244 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक 17 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा ऊधमसिंहनगर व नैनीताल में चार-चार, हरिद्वार व चमोली में तीन-तीन और उत्तरकाशी में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है।
सात जिलों, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है। इधर, विभिन्न जिलों से 1694 सैंपल कोरोना जांच को भेजे गए। बता दें, इस साल प्रदेश में कोरोना के 93774 मामले आए हैं। इनमें से 89896 (95.86 प्रतिशत) लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोरोना संक्रमण से इस साल 278 मरीजों की मौत भी हुई है।
सीएमओ की निगरानी में रहेंगे पीपीपी मोड के अस्पताल: डा. धन सिंह रावत
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में संचालित पीपीपी मोड के अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने एवं मरीजों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दे दिए हैं। अब अनुबंधित अस्पतालों की निगरानी सीएमएस के अलावा सीएमओ भी करेंगे। इन अस्पतालों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर सीएमओ अनुबंधित संस्थाओं के प्रबंधन को नोटिस जारी कर सकेंगे, जिसकी एक प्रति स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजनी होगी। साथ ही सचल चिकित्सा वाहनों का क्षेत्र भ्रमण का रोटेशन स्थानीय विधायकों की सहमति से तैयार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों की व्यवस्था में सुधार को लेकर क्षेत्रीय विधायकों व विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि पीपीपी मोड के अस्पताल के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो उस जनपद के सीएमओ को अस्पताल संचालक को नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार होगा। क्षेत्रीय विधायकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पीपीपी मोड के अस्पताल संचालक स्थायी चिकित्सकों की तैनाती के बजाय रोटेशन पर चिकित्सकों को भेजते हैं। जिस कारण मरीजों को परेशानी होती है।
यह निर्णय लिया गया कि पीपीपी मोड के अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों के नाम व उनकी उपाधि/विशेषज्ञता संबंधी बोर्ड अवश्य लगाने होंगे। विधायकों ने प्रमुख रूप से देवप्रयाग, बेलेश्वर, बीरोंखाल, रामनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल पौड़ी की अव्यवस्था पर नाराजगी जताई। इस बात पर भी नाराजगी जताई गई कि ब्लाक स्तर पर संचालित सचल चिकित्सा वाहनों के रोटेशन की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जाती है। जिस पर विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सचल चिकित्सा वाहनों का रोटेशन स्थानीय विधायकों की सहमति से तय किया जाए, ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में लोग को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हो सकें।