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ऋषिकेश में ज्वेलर्स और ऑटो सेक्टर में कोरोना का असर, बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसद हुआ कारोबार

दीपावली का त्योहारी सीजन तीर्थ नगरी के ज्वेलर्स और औटोमोबाईल सेक्टर के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा। कोरोना वायरस संक्रमण का असर भी इस पर देखा गया। दोनों ही सेक्टर में बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसदी कारोबार हुआ।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 10:52 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 10:52 AM (IST)
ऋषिकेश में ज्वेलर्स और ऑटो सेक्टर में कोरोना का असर, बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसद हुआ कारोबार
दीपावली का त्योहारी सीजन तीर्थ नगरी के ज्वेलर्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा।

ऋषिकेश, जेएनएन। दीपावली का त्योहारी सीजन तीर्थ नगरी के ज्वेलर्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा। कोरोना वायरस संक्रमण का असर भी इस पर देखा गया। दोनों ही सेक्टर में बीते वर्ष की तुलना में 50 फीसद कारोबार हुआ।

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण करीब छह माह तक तीर्थनगरी का सभी तरह का कारोबार प्रभावित रहा। अनलॉक के बाद त्योहारी सीजन से यहां के सभी कारोबारियों को काफी उम्मीद थी। यहां हम यदि ज्वेलर्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर की बात करें तो दोनों ही सेक्टर से जुड़े व्यवसायियों के लिए यह त्योहारी सीजन ज्यादा फायदेमंद नहीं रहा। इन दोनों ही सेक्टर के व्यापारियों से बातचीत करने के बाद यह कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के छह माह की भरपाई यह त्योहारी सीजन नहीं कर पाया है।

गढ़वाल मंडल की ऋषिकेश मुख्य मंडी रहा है। यहां ज्वेलर्स का कारोबार काफी हद तक स्थानीय ग्राहकों के अतिरिक्त गढ़वाल मंडल के ग्राहकों पर भी निर्भर करता है। दीपावली त्योहारी सीजन में बीते वर्ष तक यहां करीब पांच करोड़ रुपये का कारोबार होता था। इस बार यह कारोबार 50 प्रतिशत के करीब रहा। प्रमुख स्वर्ण कारोबारी व ज्वेलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हितेंद्र पंवार ने बताया कि त्योहारी सीजन में शादियों का भी मुहूर्त रहा है। पूरे एक माह तक चले इस सीजन में व्यापारियों को काफी उम्मीद थी। किंतु इस बार औसतन व्यापार 50 प्रतिशत के करीब रहा। उन्होंने माना कि कोरोना वायरस संक्रमण का असर सराफा बाजार पर नजर आया है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी यह त्योहारी सीजन ज्यादा राहत नहीं दे पाया है। यहां दुपहिया वाहनों की दो प्रमुख एजेंसियां हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कंपनियों की भी चार एजेंसी है। बीते वर्ष तक यहां सालाना पांच हजार रुपये दुपहिया वाहनों की बिक्री होती थी। करीब 25 करोड़ का व्यापार इस सेक्टर में होता था। इस वर्ष त्योहारी सीजन में ऑटो सेक्टर के व्यापारियों को काफी उम्मीद थी। सभी प्रमुख कंपनियों ने अपने टारगेट के हिसाब से एजेंसियों को वाहन उपलब्ध कर आए थे, लेकिन कंपनी की मांग के अनुरूप एजेंसियां टारगेट को पूरा नहीं कर पाई है। 

प्रमुख ऑटोमोबाइल व्यवसाई राजीव कालिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान व्यापार का जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई त्योहारी सीजन में नहीं हो पाई है। बीते वर्ष की तुलना में कारोबार 50 प्रतिशत के बीच रहा। ऑटो सेक्टर से जुड़े व्यवसायियों से बातचीत के बाद यह बात सामने आई कि इस वर्ष एक माह के त्योहारी सीजन में यहां करीब 2000 दुपहिया वाहन बिके हैं। जिससे करीब 10 करोड़ का कारोबार हुआ है, जबकि यह कारोबार बीते वर्ष तक 25 करोड़ का होता था।

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