उत्तराखंड में शिक्षक और प्रधानाचार्यों की ट्रेनिंग का हिस्सा बना कोरोना
उत्तराखंड में तो कोरोना को शिक्षक-प्रधानाचार्यों की ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा तक घोषित कर दिया गया है।
देहरादून, जेएनएन। शायद ही कोई क्षेत्र होगा जिसे कोरोना वायरस ने प्रभावित न किया हो। शिक्षा पर इसका व्यापक असर देखने को मिला है। प्रदेश में तो कोरोना को शिक्षक-प्रधानाचार्यों की ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा तक घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही कोरोना के चलते फैल रही निराशा और मानसिक दबाव को कम करने के लिए तनाव प्रबंधन की भी विस्तृत जानकारी शिक्षकों को दी जा रही है।
अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी ने बताया कि शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों को वर्चुअल क्लास के माध्यम से प्रशिक्षण देना शुरू किया गया है। प्रशिक्षण में पारंपरिक चीजों के अलावा कोरोना को लेकर विशेष चैप्टर रखा गया है। इसमें कोरोना वायरस की पूरी जानकारी रखी गई है। इसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति, इसकी बनावट, संक्रमण कैसे फैलता है, संक्रमण से बचाव के तरीके क्या हैं जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर शिक्षक एवं प्रधानाचार्यों को जानकारी दी जा रही है।
इसके अलावा स्कूल खुलने के बाद छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है इसकी भी जानकारी दी जा रही है। ट्रेनिंग में तनाव प्रबंधन पर भी जोर दिया गया है। कोरोना के चलते फैली निराशा और मानसिक तनाव से बचे रहने के लिए भी विभिन्न उपाय बताए जा रहे हैं।
छात्र-छात्राओं को भी जानकारी
शिक्षा विभाग ने छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए दो-दो महीने के लिए पाठ्यक्रम के कैप्सूल बना कर तैयार किए हैं। इस कैप्सूल में भी कोरोना की पूरी जानकारी छात्र- छात्राओं को दी जा रही है। निदेशक सीमा जौनसारी ने कहा कि बच्चे हमारे समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उन्हें कोरोना और इससे बचाव की पूरी जानकारी देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। खास बात यह है कि जब उन तक कोई भी जानकारी पहुंचती है तो वे उसे दूसरों तक भी आसानी से पहुंचा देते हैं।
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