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नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सजा-ए-मौत

नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के दोषी अजहर को पोक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनार्इ है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 04:48 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 08:10 PM (IST)
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सजा-ए-मौत
नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सजा-ए-मौत

देहरादून, जेएनएन। नौवीं की छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या और फिर शव पेड़ से लटकाने के दोषी चालक को विशेष न्यायाधीश पोक्सो रमा पांडेय की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने दो रोज पहले चालक को सोमवार को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। सजा का ऐलान करते वक्त अदालत ने दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं पर चिंता भी जताई। कहा कि, यह अत्यंत गंभीर प्रकृति का अपराध है। उल्लेखनीय है कि देहरादून में नौ महीने के अंतराल में फांसी की यह तीसरी सजा है।

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नेपाली मूल की एक छात्रा का शव दो जनवरी, 2016 को त्यूणी के रोटा खड्ड बैंड के पास पेड़ से लटका मिला था। किशोरी की पहचान होने के बाद आसपास के लोगों ने बताया कि एक जनवरी को किशोरी को पेशे से वाहन चालक मोहम्मद अजहर उर्फ अंट्रे पुत्र अहमद अली खान निवासी अंबाड़ी, डाकपत्थर के साथ मोटरसाइकिल पर त्यूणी की ओर जाते देखा गया था। पुलिस अजहर के घर पहुंची तो वह फरार मिला।

इस दौरान यह बात भी सामने आई कि वारदात में एक नाबालिग भी शामिल था। काफी तलाश के बाद अजहर को पांच जनवरी 2016 को हिमाचल के सिरमौर जनपद के बागरण कस्बे से दबोच लिया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि किशोरी को वह जानता था और त्यूणी घुमाने के बहाने उसे साथ लेकर गया और वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। शोर मचाने और घरवालों को यह बात बता देने के भय से उसकी हत्या कर दी और शव को उसकी ही चुन्नी से बांधकर पेड़ से लटका दिया, ताकि लोगों को लगे कि उसने खुदकुशी की है। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि किशोरी से पहले दुष्कर्म किया गया, उसके बाद उसकी गला घोंटकर हत्या की गई। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में अजहर का डीएनए किशोरी के वस्त्रों पर मिले स्पर्म के डीएनए से मेल हो गया, जिससे यह साबित हो गया कि दुष्कर्म अजहर ने ही किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल दस गवाह पेश किए।

विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म में अजहर को उम्रकैद और हत्या में फांसी की सजा सुनाई है। दोषी पर 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है, जिसमें से 50 हजार रुपये पीडि़ता के परिवार को दिए जाएंगे, जबकि शेष बीस हजार रुपये सरकारी खजाने में जमा होंगे। सरकारी अधिवक्ता के अनुसार अदालत ने इस तरह की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि विडंबना है कि उन्हें चार महीने के भीतर दूसरी फांसी की सजा सुनानी पड़ रही है। 

सजा सुनते ही उड़ गई चेहरेे की रंगत  

सोमवार को दोषी ठहराए जाने के बाद अजहर को उम्मीद थी कि उसे अधिकतम उम्रकैद ही सजा होगी, लेकिन जब अदालत फैसला सुनाते मृत्युदंड की सजा का एलान किया तो उसके चेहरे की रंगत उड़ गई और कठघरे में खड़े अजहर के पैर कांपने लगे।

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