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Uttarakhand Lockdown Day 4: बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए बना कंट्रोल रूम, पढ़िए पूरी खबर

बाहरी राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को लाने और यहां फंसे बाहरी राज्यों के लोगों को वापस भेजने के लिए परिवहन विभाग का कंट्रोल रूम बनाया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 07:21 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown Day 4: बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए बना कंट्रोल रूम, पढ़िए पूरी खबर
Uttarakhand Lockdown Day 4: बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए बना कंट्रोल रूम, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते बाहरी राज्यों में फंसे उत्तराखंड के लोगों को लाने और यहां फंसे बाहरी राज्यों के लोगों को वापस भेजने के लिए परिवहन विभाग का कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह सचिवालय में आपदा नियंत्रण कक्ष में शुरू किया गया है। इसमें परिवहन सचिव शैलेश बगोली को राज्य नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही दून के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारिका प्रसाद को इससे अटैच किया गया है। यह कंट्रोल रूम अपर जिलाधिकारी (नियंत्रण कक्ष) आलोक पांडे के साथ समन्वय बनाकर काम करेगा। 

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सरकार ने आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई को गढ़वाल क्षेत्र का नोडल अधिकारी और आरटीओ हल्द्वानी राजीव मेहरा को कुमाऊं क्षेत्र का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी राज्य में फंसे दूसरे राज्यों के पर्यटकों या अन्य लोगों की जानकारी जुटाकर उनके लिए परिवहन सेवा उपलब्ध कराना होगा। सरकार दिल्ली में फंसे उत्तराखंड के हजारों लोगों को लाने की व्यवस्था भी कर रही है। जो बसें गुजरात से लौटेंगी, उन बसों में भी लोगों को दिल्ली से लाया जाएगा। प्रदेश के अलग-अलग डिपो से बसें मांग के अनुरूप दिल्ली भी भेजी जाएंगी। 

गुजरात, बरेली, बदायूं भेजी गईं बसें 

शुक्रवार से सरकार ने रोडवेज बसों के जरिए लोगों को लाने व ले जाने का कार्य शुरू कर दिया। इसमें 30 बसें हरिद्वार से 1313 लोगों को लेकर गुजरात भेजी गईं। इसी तरह चार-चार बसें रामनगर से बरेली और बदायूं भेजी गईं। गुजरात जाने के लिए 15 वॉल्वो बसें भी लगाई गई हैं। इनमें छह बसें देहरादून से भी भेजी गईं। हालांकि, देर शाम हरिद्वार ऋषिकुल में यात्रियों की जांच के बिना चालक-परिचालकों ने बसों को ले जाने से इन्कार कर दिया। बाद में एसडीएम और हरिद्वार डिपो एजीएम ने भरोसा दिया कि यात्रियों को जांच के बाद ही बसों में भेजा जाएगा। तब जाकर चालक-परिचालकों ने परिवहन को हामी भरी। लंबी दूरी के चलते प्रत्येक बस में दो-दो चालक भेजे गए हैं। बसों का खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। 

फाडा ने भी मदद को बढ़ाए हाथ 

कोरोना में बचाव कार्य के लिए फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। फाडा के उत्तराखंड चेयरमैन हरीश सुरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेज कहा है कि राज्य में बचाव कार्य के वाहन जहां भी खराब होते हैं, उन्हें ठीक करने के लिए फाडा की टीम मौके पर भेजी जाएगी। वाहन खराब होने की स्थिति में सरकार को प्रदेश में जहां कहीं वाहन की जरूरत होगी, फाडा वहां वाहनों की उपलब्धता कराएगी। फाडा ने गढ़वाल क्षेत्र के लिए डीडीपीएम ग्रुप व कुमाऊं में कुमार आटोमोबाइल को जिम्मा सौंपा है। 

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प्रति बस मिलेंगे डेढ़ लाख रुपये 

गुजरात भेजी गई वाल्वो बसों के बदले रोडवेज को प्रति बस डेढ़ लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे। बसें करीब छह दिन बाद वापस लौटेंगी। वहीं, रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि रोडवेज बिना किसी लाभ के यह पुण्य कार्य कर रहा है। जो वित्तीय मदद सरकार की ओर से दी जा रही है, वह 'नो प्रॉफिट-नो लॉस' पर है। 

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