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Dehradun News: संविदा कर्मी का नियमितीकरण प्रक्रिया फिर शुरू, 15 हजार से अधिक लोगों मिलेगी सरकारी नौकरी

उत्तराखंड सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। 15 हजार से अधिक संविदा कर्मियों को सरकारी नौकरी मिलने की उम्मीद है। हालांकि कट ऑफ डेट को लेकर मामला उलझा हुआ है और इस पर विधिक राय ली जा रही है। संशोधित प्रस्ताव को जल्द ही अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 06 Sep 2024 11:00 AM (IST)
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संविदा कर्मियों को नियमित करने की चल रही पहल। जागरण

 राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्त संविदा कर्मियों को नियमित करने की दिशा में शासन ने फिर कसरत शुरू कर दी है। कैबिनेट से प्रस्ताव लौटाए जाने के बाद शासन इसके परीक्षण में जुट गया है। मामला कट आफ डेट को लेक उलझा हुआ है। ऐसे में इस प्रस्ताव पर विधिक राय ली जा रही है। जल्द ही संशोधित प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर फिर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

प्रदेश में विभिन्न विभागों में नियुक्त 15 हजार से अधिक संविदाकर्मियों के नियिमतीकरण को लेकर अांदोलन कर रहे हैं। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। दरअसल, शासन ने सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2011 में नियमावली तैयार की।

इसमें वर्ष 2011 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कार्मिकों को नियमित करने की व्यवस्था की गई। इसके बाद वर्ष 2013 में एक दूसरी नियमावली लाई गई। इसमें यह प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के अंतर्गत जो कर्मचारी नियमित नहीं हो पाए, उन्हें नियमित किया जाएगा। इस नियमावली के बाद भी बड़ी संख्या में संविदा कर्मी नियमित होने से रह गए।

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ऐसे में सरकार ने वर्ष 2016 में संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें न्यूनतम सेवा अवधि 10 वर्ष को घटाकर पांच वर्ष तक सीमित कर दिया गया। इस नियमावली पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। इसी वर्ष फरवरी में हाईकोर्ट ने यह रोक हटाई।

बीते माह, यानी अगस्त में हुई कैबिनेट बैठक में वर्ष 2018 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मियों को नियमित करने का प्रस्ताव लाया गया। कैबिनेट के कुछ सदस्य कट आफ डेट को लेकर सहमत नहीं थे। वे वर्ष 2024 तक के संविदाकर्मियों के विनियमितीकरण के पक्ष में थे।

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इस पर यह प्रस्ताव फिर से कार्मिक के पास वापस भेज दिया गया। अपर मुख्य सचिव कार्मिक आनंद बर्द्धन का कहना है कि नियमावली में संशोधन के लिए प्रस्ताव का परीक्षण किया जा रहा है, जल्द ही इसे पर निर्णय लेकर कैबिनेट को भेजा जाएगा।