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परिचालक को देनी होगी यात्री के खोए सामान की कीमत

जिला उपभोक्ता फोरम ने एक वाद की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के परिचालक को यात्री के खोए हुए सामान की कीमत देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फोरम ने परिचालक को मानसिक क्षति के रूप में 15 हजार और वाद व्यय के रूप में तीन हजार रुपये भी वादी को देने के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 03:01 AM (IST)
परिचालक को देनी होगी यात्री के खोए सामान की कीमत
परिचालक को देनी होगी यात्री के खोए सामान की कीमत

जागरण संवाददाता, देहरादून: जिला उपभोक्ता फोरम ने एक वाद की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम के परिचालक को यात्री के खोए हुए सामान की कीमत देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फोरम ने परिचालक को मानसिक क्षति के रूप में 15 हजार और वाद व्यय के रूप में तीन हजार रुपये भी वादी को देने के निर्देश दिए हैं।

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चंद्रशेखर बिष्ट निवासी डीएसपी चौक बड़ोवाला, आरकेडिया ग्रांट ने उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक, चालक और परिचालक के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया था। वाद के मुताबिक उन्होंने वर्ष 2015 में परिवहन निगम की बस में दिल्ली से देहरादून तक यात्रा की थी। उनके पास एक सूटकेस था, जिसमें उनका कीमती सामान था। सूटकेस को उन्होंने अपने साथ रखना चाहा, मगर परिचालक धर्मवीर सिंह ने उसे बस की डिक्की में रखवा दिया। यात्रा के दौरान खतौली में बस रुकने पर वादी ने उतरकर देखा तो डिक्की पर ताला नहीं था। यह बात परिचालक को बताई तो उसने आश्वासन दिया कि उनका सामान सुरक्षित रहेगा। लेकिन, जब गाड़ी आइएसबीटी पहुंची तो डिक्की में सामान नहीं था। उन्होंने आइएसबीटी चौकी के साथ ही एसएसपी को इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। जिसके बाद उन्होंने निगम के कार्यालय में भी शिकायती पत्र दिया था। जिसके बाद चालक, परिचालक से विभाग की ओर से स्पष्टीकरण मांगकर परिचालक के सीआर में रेट एंट्री भी कर दी गई। लेकिन, उन्हें खोए हुए सामान की कीमत नहीं मिल पाई। जिसके बाद वादी ने जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने गुरुवार को मामले में निर्णय देते हुए परिचालक को वादी के सामान की अंकित कीमत 57,500 रुपये और मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 15 हजार और वाद व्यय के रूप में तीन हजार रुपये एक माह के अंदर देने के निर्देश दिए।


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