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राज बब्बर की सांसद निधि से जारी 3.75 लाख लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी फरार

राज्यसभा सदस्य राज बब्बर की सांसद निधि से दून के मोथरोवाला में सीसी सड़क निर्माण के लिए जारी किए गए लाखों रुपये कंस्ट्रक्शन कंपनी लेकर फरार हो गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 01:16 PM (IST)
राज बब्बर की सांसद निधि से जारी 3.75 लाख लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी फरार
राज बब्बर की सांसद निधि से जारी 3.75 लाख लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी फरार

देहरादून, जेएनएन। राज्यसभा सदस्य राज बब्बर की सांसद निधि से दून के मोथरोवाला में सीसी सड़क निर्माण के लिए जारी किए गए लाखों रुपये कंस्ट्रक्शन कंपनी लेकर फरार हो गई। इसकी जानकारी प्रशासन को 18 माह बाद तब हुई, जब स्थानीय निवासियों ने जिला विकास अधिकारी (सीडीओ) से सड़क का निर्माण न होने की शिकायत की। बताया जा रहा है कि आरोपित कंपनी के महाप्रबंधक ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में पता भी गलत दर्ज कराया था। आरोपित ने खुद को हरिद्वार का निवासी दिखाया, जबकि वह प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है। उस पर चकराता में कार्य कराने के बाद श्रमिकों को भुगतान नहीं करने का भी आरोप है। इसको लेकर श्रमिकों ने श्रम न्यायालय में वाद भी दाखिल किया था, जिस पर सुनवाई चल रही है।

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उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य राज बब्बर ने वर्ष 2018-19 में देहरादून जिले की सात ग्राम पंचायतों और विकासखंडों में सड़क, नाली, सुरक्षा दीवार आदि के निर्माण के लिए सांसद निधि से 38 लाख रुपये दिए थे। इनमें से कुछ कार्य इंडियन प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपे गए थे।

कंपनी को इन कार्यो के लिए 28 फरवरी 2019 को इलाहाबाद बैंक की ओर से 28 लाख 50 हजार रुपये जारी किए गए थे। कंपनी को दिए गए कार्यो में रायपुर विकासखंड के अंतर्गत मोथरोवाला में सीसी सड़क का निर्माण भी शामिल था। इसके लिए कंपनी को तीन लाख 75 हजार रुपये जारी किए गए थे। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अधिकांश कार्य तो पूरे कर दिए, लेकिन मोथरोवाला में सीसी सड़क का निर्माण तक शुरू नहीं कराया।

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बीते दिनों स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में सीडीओ से शिकायत की तो उन्होंने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक विक्रम सिंह को मामले की जांच कर कंपनी से वसूली के निर्देश दिए। परियोजना निदेशक ने बताया कि कार्यदायी संस्था को राज्यसभा सदस्य की ओर से नामित किया गया था। कंपनी को वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है।

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