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पूर्व सीएम रावत पर मुकदमा दर्ज होने पर कांग्रेसियों ने केंद्र का फूंका पुतला

सीबीआइ की ओर से स्टिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुकदमा दर्ज करने पर कांग्रेसी आग बबूला हो गए हैं। कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 12:12 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 09:09 PM (IST)
पूर्व सीएम रावत पर मुकदमा दर्ज होने पर कांग्रेसियों ने केंद्र का फूंका पुतला
पूर्व सीएम रावत पर मुकदमा दर्ज होने पर कांग्रेसियों ने केंद्र का फूंका पुतला

देहरादून, जेएनएन। सीबीआइ की ओर से स्टिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर मुकदमा दर्ज करने पर कांग्रेसी आग बबूला हो गए हैं। कांग्रेसियों ने एस्लेहॉल चौक पर केंद्र सरकार का पुतला दहन करते हुए सीबीआइ पर केंद्र सरकार के इशारों पर चलने का आरोप लगाया।

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राजपुर रोड स्थित कांग्रेस महानगर कार्यालय में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में महानगर कांग्रेस, किसान कांग्रेस व युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता एकत्र हुए। जहां से नारेबाजी करते हुए एस्लेहॉल चौक पर पहुंचकर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। 

इस दौरान प्रीतम सिंह ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार पर सीबीआइ, ईडी व इनकम टैक्स विभागों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने हरीश रावत पर उस कृत्य के लिए मुकदमा दर्ज किया है जो घटा ही नहीं। 

किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी ने सीबीआइ पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीआइ केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हरीश रावत को गिरफ्तार किया तो कांग्रेसी राज्य की सभी जेलें भर देंगे। प्रदेश प्रवक्ता विकास नेगी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हरीश रावत पर अनावश्यक दवाब बनाती है तो कांग्रेसी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

इस दौरान प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसोनी, महेश जोशी, रोबिन त्यागी, सार्थक रांगड़, अमरजीत सिंह, लाल चंद शर्मा समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

स्टिंग प्रकरण में हरीश के पीछे एकजुट कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पर सीबीआइ का शिंकजा कसने से कांग्रेस परेशान जरूर है, लेकिन वह एकजुट होकर रावत के पीछे खड़ी भी हो गई है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पद का उपभोग नहीं, बल्कि जनसेवार्थ इसका उपयोग किया है। पद से हटते ही सभी सुविधाएं त्यागी हैं। 

उन्होंने कहा कि आज भी वह अपनी क्षमता के अनुसार राज्य व राज्य के लोगों के लिए सवाल उठा रहे हैं। विरोध को शक्ति दे रहे हैं। उन्हें लोगों की सद्भावना का पूरा भरोसा है। वह इस स्थिति से और मजबूत होकर निकलेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर वर्ष 2016 में हुए स्टिंग के मामले में सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज किया है। इसके बाद से ही प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सीबीआइ का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए पुतले जलाने शुरू कर दिए हैं। धीरे-धीरे इस विरोध प्रदर्शन को तेज किए जाने की बात कांग्रेसी कर रहे हैं। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने तो यह तक कहा है कि अगर सीबीआइ ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को गिरफ्तार किया तो कांग्रेसी पूरी प्रदेश की जेल भर देंगे। वहीं, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है। 

उन्होंने लिखा की एफआइआर दर्ज होने के बाद कई सहयोगी उन्हें लेकर चिंतित हैं। वह इस चुनौती को भी अपने को सिद्ध करने के अवसर के रूप में देख रहे हैं। धन के अभाव से वह परेशान हैं लेकिन संघर्ष की संकल्पशक्ति पर उनका पूरा भरोसा है। वर्ष 2016 में उनकी सरकार की वापसी एक असंभव कार्य था,  लेकिन वह भी संभव हुआ।

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कहा कि ईश्वर व न्याय का देवता उनकी पूरी मदद करेगा। एक छोटे से गेस्ट हाउस, थोड़े से स्टाफ व सीमित सुरक्षा के साथ औसत 16 घंटे राज्य के लोगों के लिए काम किया है। वह इस स्थिति से फिर से मजबूत होकर उभरेंगे और राज्य के लोगों की सेवा करेंगे। 

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