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देहरादून में जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तार के लिए पेड़ काटने के विरोध में कांग्रेस

एयरपोर्ट के विस्तार के लिए पेड़ों को काटने के विरोध में चल रहे आंदोलन का कांग्रेस ने समर्थन किया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दस हजार पेड़ों को काटने और वन्य प्राणियों के लिए आरक्षित भूमि एयरपोर्ट को सौंपने पर आमादा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 01:07 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 01:07 PM (IST)
देहरादून में जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तार के लिए पेड़ काटने के विरोध में कांग्रेस
एयरपोर्ट के विस्तार के लिए पेड़ों को काटने के विरोध में चल रहे आंदोलन का कांग्रेस ने समर्थन किया है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सामरिक व अन्य जरूरतों के मद्देनजर जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के लिए पेड़ों को काटने के विरोध में चल रहे आंदोलन का कांग्रेस ने समर्थन किया है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार दस हजार पेड़ों को काटने और वन्य प्राणियों के लिए आरक्षित भूमि एयरपोर्ट को सौंपने पर आमादा है। इसका विरोध कर रही जनता के साथ कांग्रेस खड़ी है। 

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कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के हवाले से प्रदेश कांग्रेस महामंत्री विजय सारस्वत ने बयान जारी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को इंसानों के साथ ही जीव-जंतुओं और जंगल की परवाह नहीं है। इस मामले में आंदोलन इस बात का गवाह है कि एक पेड़ का उत्तराखंडी के लिए प्राणों से भी ज्यादा महत्व है। जल, जंगल और जमीन उतराखंड के प्राण हैं। पर्यटन उद्योग की धुरी और नैसर्गिक खूबसूरती जंगल हैं।  

उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तार के लिए पर्यावरण संतुलन और वन्य प्राणियों की परवाह नहीं की जा रही। राजाजी नेशनल पार्क के ईको सेंसिटिव जोन के दस वर्ग किमी क्षेत्र को एयरपोर्ट को सौंपने से हाथियों का कॉरीडोर समाप्त हो जाएगा। वन संपदा अमूल्य है। दस हजार पेड़ों में खैर, सागोन, गुलमोहर सहित विभिन्न 25 किस्मों के वृक्ष शामिल हैं, जिन्हें काट दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय के बाद शिवालिक एलीफेंट रिजर्व एरिया इससे प्रभावित होगा। 

उन्होंने कहा कि इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे। स्थानीय आबादी और जंगली जानवरों में टकराव पहले से ज्यादा बढ़ जाएगा। जंगली जानवरों खासतौर से हाथियों की जीवन शैली और उनके प्रजनन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। हरियाली और वनों की वजह से ही पर्यटन और उससे जुड़ा रोजगार है। यह क्षेत्र भूकंप के लिहाज से भी संवेदनशील है। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस इस जन भावना का सम्मान करती है। केंद्र और राज्य की सरकारों के इस फैसले की निंदा करती है। पर्यावरण से जुड़े संगठन और स्थानीय व्यक्तियों के सवालों का जवाब सरकार को देना चाहिए। 

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