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कांग्रेस ने सरकार को घेरा, लॉकडाउन के फैसले को बताया नोटबंदी और जीएसटी जैसा

पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने लॉकडाउन के फैसले को नासमझी में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने लॉकडाउन को नोटबंदी-जीएसटी जैसा फैसला बताया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 09:03 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 09:03 AM (IST)
कांग्रेस ने सरकार को घेरा, लॉकडाउन के फैसले को बताया नोटबंदी और जीएसटी जैसा
कांग्रेस ने सरकार को घेरा, लॉकडाउन के फैसले को बताया नोटबंदी और जीएसटी जैसा

देहरादून, जेएनएन। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने लॉकडाउन के फैसले को नासमझी में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को केदार-गंगा बाबा के नाम से संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने बिना सोचे समझे जिस तरह से नोटबंदी और जीएसटी का फैसला लिया गया, ठीक वैसा ही फैसला उन्होंने लॉकडाउन करते हुए लिया।

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पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कहा कि लॉकडाउन का फैसला कितना कारगर साबित हुआ यह स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके पहले लिए गए नोटबंदी और जीएसटी के निर्णयों का हश्र भी सबके सामने है। रिजर्व बैंक से लेकर देश के तमाम बैंकों की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। बैंकों का पैसा हड़पकर कितने लोग फरार हो गए, इसकी गिनती तक कोई बताने को तैयार नहीं है। 

सभी राज्यों की सरकारें बजट के लिए केंद्र का मुंह देख रही हैं, लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी जा रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से कश्मीर को इतने लंबे समय से लॉकडाउन किया हुआ है, उसी प्रकार कब प्रधानमंत्री पूरे देश में करफ्यू लगा दें, इस बात की कोई गारंटी नहीं है। देश की सरकार को जरूरत और नागरिकों की परेशानियों को सामने रखकर कोई भी निर्णय लेना चाहिए, नासमझी में उठाए गए कदम हानिकारक अधिक साबित हो रहे हैं। 

बेरोजगारों के खाते में उचित रकम डाले सरकार

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से देशभर में चलाए गए स्पीक अप इंडिया अभियान के तहत कार्यकर्ताओं ने सरकार को कई बिंदुओं पर सुझाव दिया। इसमें प्रमुख रूप से उन्होंने लॉकडाउन में बेरोजगार हुए श्रमिक, वाहन चालक और अन्य युवाओं के खाते में उचित रकम डालने की मांग की। इसके अलावा बेरोजगारों को छह माह तक 7500 सौ रुपये प्रत्येक माह देने और राज्य में प्रवासी को तत्काल दस हजार रुपये आर्थिक मदद देने का सुझाव दिया। 

वहीं, ट्रांसपोर्टरों को सीधे आर्थिक मदद देते हुए छह माह के रोड और फिटनेस टैक्स को माफ करने का भी सुझाव रखा। निजी स्कूलों के फीस वसूली को माफ करने, कारोबार बंद हो चुके छोटे उद्यमियों और दुकानदारों तत्काल सहायता राशि देने तथा अन्य बिंदु भी इसमें शामिल रहे। जिलाध्यक्ष संजय किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का पैकेज घोषित किया, लेकिन यह केवल एक जुमला पैकेज साबित हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि इसमें मात्र लोन देने की बात कही गई है, जबकि लोगों का काम-काज बचा ही नहीं तो वह लोन की राशि किस तरह से चुकाएंगे इस पर कोई नीति नहीं बनी। स्पीक अप इंडिया अभियान में पूर्व प्रदेश महामंत्री संजय जैन, शहर अध्यक्ष शम्मी प्रकाश, प्रदेश सचिव प्रेम प्रकाश अग्रवाल, सभासद गिरीश सप्पल, हरीश ग्रोवर, जितेंद्र रावत, मोहित बिष्ट, नीतीश नैथानी, आशीष पुंडीर, बरेशमा अंसारी, कुसुम कौशल, हर्षल शर्मा, समीर अंसारी, बलजीत सिंह, अभिषेक इलियास, लवलेश शर्मा, नितिन वर्मा आदि शामिल रहे।

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