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युवक की हत्या के विरोध में हरीश रावत का मौन उपवास

टिहरी जिले में अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के गांधी पार्क में मौन उपवास रखा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 08:52 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 08:52 PM (IST)
युवक की हत्या के विरोध में हरीश रावत का मौन उपवास
युवक की हत्या के विरोध में हरीश रावत का मौन उपवास

जागरण संवाददाता, देहरादून : टिहरी जिले में अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देहरादून के गांधी पार्क में मौन उपवास रखा। उन्होंने सरकार से अपील की कि नियमों में ढील देकर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए। उधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन ने राज्यपाल से मुलाकात कर आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

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गांधी पार्क में सोमवार को बापू की प्रतिमा के समक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कार्यकर्ताओं के साथ सुबह करीब 10 बजे मौन धरने पर बैठे। इस दौरान वहां महात्मा गांधी की प्रसिद्ध रामधुन '..रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम। बजती रही। मौन धरने के बाद हरीश रावत ने कहा कि इस घटना ने राज्य के दामन को दागदार किया है। इस दाग को धुलने के लिए हम सभी को प्रायश्चित करना होगा।

बीते 27 अप्रैल को टिहरी जिले के नैनबाग के बसांण गांव निवासी अनुसूचित जाति के युवक जितेंद्र दास को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया था। जितेंद्र दास की उपचार के दौरान पांच मई को मौत हो गई थी। इसे लेकर सूबे में सियासत गर्माई हुई है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने गांधी पार्क में एक घंटे का मौनव्रत रखने से पहले बसांण गांव में पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की थी। इस मौके पर अल्मोड़ा से लोकसभा प्रत्याशी सांसद प्रदीप टम्टा, केदारनाथ के विधायक मनोज रावत, राजपुर से पूर्व प्रत्याशी प्रभुलाल बहुगुणा, वरिष्ठ कांग्रेसी सुरेंद्र अग्रवाल, राजीव जैन, सुनील राठी, जसवीर रावत, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन, हेमा पुरोहित, मनमोहन शर्मा, पूरण सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

उधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन डॉ. नितिन राउत की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिला और आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय की मांग की। मांग रखी कि प्रकरण की सुनवाई केवल फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो। साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। मौन उपवास पर भी कांग्रेस में सियासत

विधानसभा चुनाव चुनाव से लेकर निकाय चुनाव तक घटते जनाधार से कांग्रेसी कोई सबक नहीं ले रहे हैं। सार्वजनिक मंच पर पार्टी के भीतर धड़ेबाजी खुलकर सामने आ रही है। सोमवार को ही लीजिए, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक घंटे के मौन उपवास की जानकारी अधिकतर कांग्रेसियों को नहीं थी। उपवास स्थल पर हरीश रावत गुट के नेता ही दिखे। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी अंतिम समय में पहुंचे। उनके चेहरे के भाव से साफ झलक रहा था कि वह मौन उपवास की पूर्व सूचना न मिलने से असहज हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के उपवास कार्यक्रम समाप्त होने से करीब पांच मिनट पहले पहुंचे प्रीतम सिंह उपवास स्थल के कुछ दूर पत्रकारों से रूबरू हुए। जिससे वह उपवास स्थल पर नहीं पहुंच पाए। हालांकि उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई और दोहराया कि युवक के परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार लें। इसी दौरान बदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी प्रति संवेदना जताई। वह यह कहते भी सुने गए कि इस प्रकार के संवेदनशील कार्यक्रमों की संगठन को भी जानकारी मिले तो पार्टी में एकजुटता और अधिक दिखाई देती है।

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