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एनएच-74 घोटाले पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस

एनएच-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच कर रही एसआइटी के कांग्रेसी नेताओं तक पहुंचने पर अब कांग्रेस भी पलटवार करने की तैयारी में जुट गई है।

By Edited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 08:22 AM (IST)
एनएच-74 घोटाले पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
एनएच-74 घोटाले पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
राज्य ब्यूरो, देहरादून: एनएच-74 भूमि अधिग्रहण घोटाले की जांच कर रही एसआइटी के कांग्रेसी नेताओं तक पहुंचने पर अब कांग्रेस भी पलटवार करने की तैयारी में जुट गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के आवास पर हुई विधानमंडल दल की बैठक में सरकार को बजट सत्र के दौरान सदन में जीरो टॉलरेंस पर ही घेरने का निर्णय लिया गया। इसके तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह व मौजूदा विधायकों समेत पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के बीच हुई बैठक में एनएच-74 मसले पर भाजपा को घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि एसआइटी की जांच को घुमा कर भाजपा सरकार बड़े अधिकारियों व अपने ही नेताओं को बचाने की तैयारी कर रही है। मामले की सीबीआइ जांच कराने के लिए सदन में दिए गए आश्वासन का पूरा न होने का मसला भी सदन में उठाया जाएगा। मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के आवास पर कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में वित्तीय प्रबंधन चरमराया हुआ है। कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल पा रही है। छोटे ठेकेदारों को साल भर से भुगतान नहीं किया गया है। किसी भी काम के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है। प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में नीतिगत निर्णय नहीं लिए गए। सुगम-दुर्गम नीति पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। शिक्षकों की कमी चल रहे है। स्कूल बंद करने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऑल वेदर रोड के अलावा कोई विकास कार्य नहीं हुए है। गन्ना किसानों को अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के स्थान पर सरकारी रिक्तियों को सीज कर रही है। गैरसैंण में कांग्रेस सरकार में हुए कार्य के बाद कोई नया कार्य नहीं हुआ। किसान व व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं। जीएसटी को कठिन कर दिया है। ये सारे मसले सदन में उठाए जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि विधानमंडल दल की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी ज्वलंत मुद्दे सदन में उठाकर सरकार को घेरेंगे। उन्होंने कहा कि आपदा के समय यूपीए सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपये का पैकेज स्वीकृत किया था, जिसमें दो हजार करोड़ रुपये ही अभी तक मिले हैं। केंद्र सरकार पूरी स्वीकृत राशि जारी करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान सहयोग निधि पर ही केंद्रित रहा। इसके लिए अधिकारियों व माफियाओं के माध्यम से धन एकत्रित किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस सहयोग निधि की जांच भी एक बार करा ले। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रकाश पांडे के मामले में भी सरकार ने घोषणा के बाद कदम पीछे खींचे। मंत्रियों के बीच आपसी समन्वय नहीं है। मामले को मोड़ने का प्रयास कर रही भाजपा: किशोर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा मामले को उलझाने का प्रयास कर रही है। इसलिए एसआइटी उनके घर तक आई। एसआइटी को इससे पहले सीआरपीसी, सीपीसी और आइपीसी को देखना चाहिए था। पहले उन्हें नोटिस दिया जाता। इस मसले पर खुद को फंसता देख अब इसे दूसरी तरफ घुमाया जा रहा है। भाजपा गिरती लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस पर कार्रवाई कर रही है। एकजुट होकर इसका सामना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में महावीर रांगड से वे खुद मिले। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जहां तक चिठ्ठी लिखने की बात है तो चिठ्ठी तो उन्होंने भी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लिखी थी और हरीश रावत भी नारायण दत्त तिवारी को लिखते थे। उन्होंने कहा कि पार्टी फंड में दान दिया जाता है। इसका सोर्स क्या है इसका पता नहीं होता। उन्होंने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि सरकार इसकी सीबीआई और आइबी से निष्पक्ष जांच कराने को तैयार हैं। आर्बिटेशन के मामलों को सदन में उठाएंगे: माहरा उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार इस मामले में अपने लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है। यही कारण भी है कि एनएच-74 मामले में आर्बिटेशन के मामलों को दूर रखा गया है। जिस दिन जिलाधिकारी तक यह जांच पहुंच जाएगी उस दिन कई सफेदपोश इसके दायरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में सत्ता पक्ष के लोग शामिल होंगे तभी सरकार सीबीआइ जांच से कदम पीछे खींच रही है। यदि कांग्रेस के लोग शामिल हैं तो सीबीआइ जांच से पीछे क्यों हट रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेनामी संपत्ति के मामले में भी एक मंत्री के परिजनों का नाम सामने आ रहा है। इस मसले को भी सदन में उठाया जाएगा।

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