तीसरी सीट पर कब्जा रखने को ताकत झोंकेगी कांग्रेस
कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा की और एक सीट फिसल गई। राज्यसभा चुनाव में प्रतीकात्मक विरोध की स्थिति में नहीं होने की वजह से पार्टी को मन मसोसना पड़ रहा है। अब एकमात्र सीट हाथ से नहीं निकलने देने के लिए पार्टी ने कमर कस ली है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में कांग्रेस के हाथ से राज्यसभा की और एक सीट फिसल गई। राज्यसभा चुनाव में प्रतीकात्मक विरोध की स्थिति में नहीं होने की वजह से पार्टी को मन मसोसना पड़ रहा है। अब एकमात्र सीट हाथ से नहीं निकलने देने के लिए पार्टी ने कमर कस ली है। इसके लिए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने को पार्टी पूरी ताकत झोंकेगी।
प्रदेश में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत के सामने कांग्रेस हर मोर्चे पर पीछे खड़े रहने को मजबूर है। इस वजह से राज्यसभा सीट भी गंवाने की नौबत है। राज्य सभा की एक सीट काफी पहले कांग्रेस गवां चुकी है। अब दूसरी सीट भी भाजपा की झोली में जाना तय है। पार्टी ने रिक्त हुई इस सीट पर अपना प्रत्याशी खड़ा करना तक मुनासिब नहीं समझा। अब कुल तीन में से एक ही सीट कांग्रेस के पास है। इस सीट पर कांग्रेस का प्रितिनिधत्व प्रदीप टम्टा कर रहे हैं।
यह सीट 2022 में विधानसभा चुनाव के बाद रिक्त होगी। ऐसे में पार्टी उम्मीद बांधे हुए है कि राज्यसभा की एक सीट उसके पास रह सकती है। वर्तमान में विधानसभा के कुल 70 सदस्यों में भाजपा के पास 57 यानी तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत है। कांग्रेस इस बहुमत को फिलवक्त किसी भी तरह से चुनौती देने की स्थिति में खुद को नहीं पा रही है। अलबत्ता पार्टी को उम्मीद है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उसे बहुमत मिलेगा।
दरअसल लोकसभा में भारी बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा में केंद्र की भाजपा सरकार के लिए हालात चुनौती पूर्ण हैं। इस वजह से भाजपा भी एक-एक सीट पर खासा ध्यान दे रही है। कांग्रेस के हाथ से सीटें जिसतरह फिसल रही हैँ, उससे पार्टी में बेचैनी महसूस की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहमत पाने पर जोर लगा रही है। जो सीटें कांग्रेस के हाथ से अभी निकली हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा।