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निकाय चुनाव: रंग लाया डैमेज कंट्रोल, कांग्रेस को मिला सुकून

नगर निकायों में डैमेज कंट्रोल को लेकर कांग्रेस की कोशिशें काफी हद तक कामयाब रही हैं। रायशुमारी का असर ये रहा कि टिकट वितरण के बाद बागियों ने बड़े पैमाने पर सिर नहीं उठाया।

By Edited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 09:54 AM (IST)
निकाय चुनाव: रंग लाया डैमेज कंट्रोल, कांग्रेस को मिला सुकून
निकाय चुनाव: रंग लाया डैमेज कंट्रोल, कांग्रेस को मिला सुकून

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: निकाय चुनावों में असंतुष्टों को मनाने में काफी हद तक कामयाबी मिलने से कांग्रेस की बांछें खिल गई हैं। खासतौर पर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, कोटद्वार नगर निगमों में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ खम ठोक रहे दावेदारों ने शनिवार को नाम वापस लेकर पार्टी को खासी राहत दी है। नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में बागियों की चुनौती के मामले में पार्टी पहले से ही अधिक सुकून महसूस कर रही है।

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नगर निकायों में डैमेज कंट्रोल को लेकर कांग्रेस की कोशिशें काफी हद तक कामयाब रही हैं। निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के चयन में विभिन्न स्तरों पर रायशुमारी का असर ये रहा कि टिकट वितरण के बाद बागियों ने बड़े पैमाने पर सिर नहीं उठाया। खासतौर पर नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में पार्टी प्रत्याशियों को बड़ी चुनौती नहीं मिली। सात नगर निगमों में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, कोटद्वार के साथ ही कुमाऊं मंडल के तीन नगर निगमों में हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर में भी कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ इक्का-दुक्का बागी सामने आए। कोई बड़ा नाम विरोध में नहीं आने से पार्टी अपने लिए स्थितियों को सुखद मानकर चल रही है। 

देहरादून में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय की दावेदारी से देखी जा रही बेचैनी नाम वापसी के दिन दूर हो गई। वहीं हरिद्वार में भी दो मजबूत प्रत्याशियों के पार्टी के पक्ष में नाम वापस लेने से कांग्रेस को रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। हल्द्वानी और काशीपुर नगर निगम में पार्टी को अपनों से खास चुनौती नहीं मिल रही, अलबत्ता रुद्रपुर में पार्टी के लिए कुछ असहज स्थिति हो सकती है।

बागियों को मनाने की 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह साफ कर दिया है कि निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को चुनौती दे रहे अपनों को मनाने के लिए अंतिम समय तक कोशिशें पुरजोर रखी जाएंगी। बागियों के नहीं मानने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई के अंतिम हथियार को चुनाव के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है। 

प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि नगर निकायों में महापौर व अध्यक्ष पदों पर ताल ठोंकने वाले असंतुष्टों में अधिकतर को मनाने में सफलता मिली है। नाम वापस नहीं लेने वालों को वरिष्ठ नेताओं की मदद से पार्टी प्रत्याशियों का समर्थन करने के लिए अंतिम दौर तक मनाया जाएगा। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य लोगों को जोड़कर चलना है। गंभीर स्थिति उत्पन्न होने पर ही कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। बागियों को मतदान के दिन तक मनाने की हर मुमकिन कोशिश जारी रखी जाएगी। 

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