हाईकोर्ट के फैसले को जीत के रूप में देख रही कांग्रेस
निकायों के परिसीमन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले से कांग्रेस को बड़ी जीत मिली। कांग्रेस ने सीमा विस्तार वाले निकायों में मतदाता सूची के पुनर्गठन को एक माह का समय बढ़ाने की पैरवी की।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: नगर निकायों के नए परिसीमन का पुरजोर विरोध कर रही प्रदेश कांग्रेस को हाईकोर्ट के फैसले से बड़ी जीत हासिल हुई है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट के नेतृत्व में राज्य निर्वाचन आयुक्त सुवद्र्धन से मुलाकात कर नए सीमा विस्तार वाले 42 नगर निकाय क्षेत्रों में मतदाता सूची के पुनर्गठन के लिए एक माह का समय बढ़ाने की पैरवी की।
प्रदेश की सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने शहरी निकायों की सीमा विस्तार की अपनी मुहिम को तेज किया तो साथ ही कांग्रेस भी ग्राम प्रधानों के सुर में सुर मिलाते हुए नए परिसीमन के विरोध को लेकर मुखर रही है। आगामी अप्रैल माह में निकाय चुनाव के मद्देनजर निकायों के परिसीमन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले ने कांग्रेस को बड़ी राहत दे दी।
कांग्रेस का आरोप है कि परिसीमन को लेकर सरकार जल्दबाजी में फैसला ले रही है। इसमें आपत्तियों को लेकर जन सुनवाई का ज्यादा मौका मिलना चाहिए। अब हाईकोर्ट के आदेश को कांग्रेस अपनी बड़ी जीत मान रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि हाईकोर्ट ने एकतरह से कांग्रेस के स्टैंड को सही ठहरा दिया है। आनन-फानन निकायों की सीमाएं बढ़ा रही सरकार को अब इस मामले में जनता की राय लेने को मजबूर होना पड़ेगा।
उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयोग में दस्तक देकर नगर निकाय चुनाव में नगर निगम देहरादून समेत राज्य के सभी निकाय क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का प्रदर्शन सही ढंग से नहीं किए जाने को लेकर आपत्ति की।
इस संबंध में पार्टी की ओर से राज्य निर्वाचन आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि मतदाता सूची में कई लोगों के नाम दर्ज होने से रह गए हैं। आम आदमी के निरीक्षण के लिए मतदाता सूचियों का प्रदर्शन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है।
इससे बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे। लिहाजा मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन से पहले सभी मतदाताओं का नाम इसमें शामिल किया जाना चाहिए। सूची में नाम दर्ज कराने और आपत्तियों की सही तरीके से सुनवाई के लिए मतदाता सूची के पुनर्गठन के लिए एक माह का समय बढ़ाने की मांग की गई।
आयुक्त की ओर से उचित कार्यवाही का भरोसा दिया गया। प्रतिनिधिमंडल में सूर्यकांत धस्माना, मथुरादत्त जोशी, लालचंद शर्मा, राजेश चमोली, जय सिंह गौतम, आजाद अली, भरत शर्मा, बसंत पंत, सुलेमान अली व अनिल सिंह शामिल थे।
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