उत्तराखंड में आप की सियासी सक्रियता पर कांग्रेस की नजर
कांग्रेस दिल्ली सरीखी गलती दोहराने के मूड में नहीं। यही वजह है कि कांग्रेस सूबे में पांव जमाने की मशक्कत में जुटी आप पार्टी की सक्रियता पर पूरी नजर रख रही है। यादव भी इशारों में बता चुके कि इंटरनेट मीडिया पर कांग्रेस से ज्यादा सक्रिय आप नजर आ रही।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में कांग्रेस दिल्ली सरीखी गलती दोहराने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि कांग्रेस सूबे में पांव जमाने की मशक्कत में जुटी आम आदमी पार्टी की सक्रियता पर पूरी नजर रख रही है। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने भी इशारों में ही यह बता दिया कि इंंटरनेट मीडिया पर कांग्रेस से ज्यादा सक्रिय आप नजर आ रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस ने सरकार और भाजपा के खिलाफ आक्रमण की धार तेज कर दी है।
प्रदेश में कांग्रेस का सियासी जनाधार मजबूत रहा है। यह दीगर बात है कि वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में पार्टी को विधानसभा की महज 11 सीटों पर सिमटना पड़ा। अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी खोई जमीन वापस पाने की है। इसे लेकर पार्टी ने जिस तरह से नए तेवर अपनाने शुरू किए हैं, उससे पार्टी की दूरगामी रणनीति झलकने लगी है। उत्तराखंड कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की नियुक्ति इसी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। देवेंद्र यादव इससे पहले राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं।
उत्तराखंड के अपने पहले तीन दिवसीय दौरे में उन्होंने सबसे पहले सभी नेताओं को एकजुट करने की मुहिम पर फोकस किया। साथ में पार्टी वर्कर का मनोबल बढ़ाने की पूरी कोशिश की। प्रदेश की सत्ता में वापसी के प्रयास में जुटी कांग्रेस को आने वाले दिनों में कई मोर्चों पर चुनौती से जूझना पड़ेगा। पार्टी के सामने नई चुनौती आप बनने जा रही है। आप ने उत्तराखंड में भी सियासी सक्रियता बढ़ा दी है। हर छोटी-बड़ी घटनाओं को इस नई पार्टी ने गंभीरता से लेना प्रारंभ कर दिया है। कांग्रेस यूं तो अभी तक आप की गतिविधियों को नजरअंदाज करती दिखाई जरूर दे रही है, लेकिन इस नए दल की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर पूरी नजर रखी जा रही है।
इंटरनेट मीडिया पर आप की बढ़ती सक्रियता को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। यही वजह है कि अपने तीन दिनी दौरे में प्रभारी देवेंद्र यादव ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आइटी सेल को सक्रियता बढ़ाने की हिदायत दी। आप का नाम लिए बगैर इशारों में वह कह चुके हैं कि नए दलों की छोटी गतिविधियां इंटरनेट प्लेटफार्म पर तेजी से पसर रही हैं। यूं कांग्रेस का आइटी सेल पार्टी गतिविधियों के प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंके हुए है, लेकिन दूरदराज के जिलों व ब्लॉक स्तरों पर होने वाले कार्यक्रमों और गतिविधियों की इंटरनेट प्लेटफार्म से दूरी बनी हुई है। प्रदेश प्रभारी का ये इशारा आप की सक्रियता को लेकर कांग्रेस के अंदरखाने गंभीर होने का इशारा कर चुका है। दरअसल राज्य में आप का असर जितना बढ़ेगा, उससे सबसे ज्यादा मुश्किलें कांग्रेस की ही बढेंगी। पार्टी के तमाम नेता इस बात को महसूस करने लगे हैं।
सीएम पर हमले को आप से पहले सक्रिय हुई कांग्रेस
हाईकोर्ट के मुख्यमंत्री के मामले में सीबीआइ जांच के आदेश के बाद कांग्रेस ने आप के सक्रिय होने से पहले यह मुद्दा लपक लिया। पार्टी ने आनन-फानन पत्रकारवार्ता बुलाकर सरकार और सत्ताधारी दल भाजपा पर तीखा हमला बोला। साथ में इसके अगले दिन ही राजभवन कूच भी किया। सियासी जानकार कांग्रेस के इस कदम को आप से जल्द और ज्यादा सक्रिय होने के तौर पर देख रहे हैं। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव दिल्ली से ही ताल्लुक रखते हैं। इस वजह से उनकी रणनीति को कांग्रेस की आप की सियासत की काट के तौर भी देखा जा रहा है।
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जिलों-ब्लॉकों में बढ़ेगी पार्टी की सक्रियता
प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाने के लिए जिलों और ब्लॉकों में पार्टी की सक्रियता आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ती दिखाई पड़ेंगी। जिला इकाइयों को इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की भूमिका भी बढ़ाई जा रही है।