Move to Jagran APP

यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा दिख रही असहज, तो कांग्रेस का रुख हमलावर

एक महिला द्वारा भाजपा विधायक महेश नेगी पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप से सूबे में सियासत गर्मा गई है। इससे सत्तारूढ़ भाजपा असहज स्थिति में नजर आ रही है।

By Edited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 09:16 AM (IST)
यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा दिख रही असहज, तो कांग्रेस का रुख हमलावर
यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा दिख रही असहज, तो कांग्रेस का रुख हमलावर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। एक महिला द्वारा भाजपा विधायक महेश नेगी पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप से सूबे में सियासत गर्मा गई है। इससे सत्तारूढ़ भाजपा असहज स्थिति में नजर आ रही है, तो कांग्रेस सरकार की घेराबंदी में जुट गई है। कांग्रेस मांग कर रही है कि इस मामले में आरोप लगाने वाली महिला अगर अपने बच्चे की डीएनए जांच चाहती है, तो सरकार इसे सुनिश्चित कराए। उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पुलिस को प्रकरण में अपना काम करने दिया जाए।

loksabha election banner

उत्तराखंड की सियासत में किसी राजनेता पर इस तरह के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद पहली निर्वाचित सरकार में डॉ. हरक सिंह रावत पर इस तरह का आरोप लगा था। रावत, कांग्रेस की तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। इस मामले की सीबीआइ जांच तक हुई, हालांकि रावत बेदाग पाए गए। उस वक्त भाजपा विपक्ष में थी, लिहाजा कांग्रेस की घेराबंदी के लिए पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अब हरक सिंह रावत भाजपा में है और इस बार आरोप भाजपा के विधायक पर लगा है। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस ने इसे मुद्दे के रूप में लपक लिया है और भाजपा सरकार पर पार्टी नेताओं के जोरदार हमले जारी हैं।

ऐसा ही मामला पूर्व मुख्यमंत्री व आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे स्व. नारायण दत्त तिवारी का भी रहा। लंबी कानूनी लड़ाई के और डीएनए टेस्ट के बाद तिवारी को आखिरकार उज्ज्वला शर्मा के पुत्र को अपना जैविक पुत्र स्वीकारना पड़ा। अब अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर लगे आरोप से सियासत गर्माने पर मंगलवार को मीडिया ने मुख्यमंत्री से सवाल किया तो उन्होंने केवल इतनी ही टिप्पणी की कि दोनों पक्ष पुलिस के पास पहुंचे हैं। पुलिस को अपना काम करने दिया जाए।

सूर्यकांत धस्माना (उपाध्यक्ष, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी) का कहना है कि भाजपा विधायक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रही एक महिला डीएनए टेस्ट की चुनौती दे रही है, लेकिन सरकार और भाजपा दोनों चुप्पी साधे हैं। महिला की एफआइआर दर्ज नहीं की जा रही है। ऐसे में भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है।

यह भी पढ़ें: यौन उत्पीड़न मामले में डीएनए जांच कराए सरकार : प्रीतम सिंह

मुन्ना सिंह चौहान (विधायक एवं मुख्य प्रवक्ता, प्रदेश भाजपा) का कहना है कि प्रकरण की पुलिस निष्पक्षता के साथ जांच कर रही है। पुलिस को अपना काम करने देना चाहिए। मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि बिना किसी भेदभाव और दबाव के पुलिस को पूरी निष्पक्षता से जांच करनी है। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को सरकार अथवा पार्टी की ओर से बचाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड क्रांति दल ने भंग की जिला और महानगर कार्यकारिणी, नए सिरे से होगा गठन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.