पांच दिनी बजट सत्र पर कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार पर बोला हमला
गैरसैंण में तीन मार्च से सात मार्च तक बजट सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला। साथ ही सत्र की अवधि न्यूनतम 15 दिन बढ़ाने की मांग की।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। गैरसैंण में तीन मार्च से सात मार्च तक बजट सत्र की कम अवधि को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी ने कहा कि विपक्ष के सवालों से बचने को सत्र की अवधि घटाई गई है। बीते कुछ वर्षो से प्रदेश में प्रति वर्ष कुल विधानसभा सत्रों की अवधि 10 से 15 दिन के बीच सिमट रही है। इसे 40 से 50 दिन होना चाहिए। उन्होंने बजट सत्र की अवधि न्यूनतम 15 दिन बढ़ाने की मांग भी की। सत्र की अवधि बढ़ाने को उन्होंने मुहिम भी छेड़ दी है।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब उक्त नेताओं ने कहा कि राज्य की जनता जन विरोधी फैसलों से पीड़ित है। जिला विकास प्राधिकरण, जमीनों के बढ़े सर्किल रेट, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि पर जनता सरकार से जवाब चाहती है। साथ में विकास कार्ययोजनाओं के लिए बजट आवंटन होना है। मात्र पांच दिनी बजट सत्र में यह संभव नहीं है।
प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस की ओर से कार्यमंत्रणा समिति में सरकार पर दबाव नहीं बनाने के सवाल पर करन माहरा ने कहा कि इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को बीती 22 फरवरी को ज्ञापन दिया गया है। कार्यमंत्रणा समिति में कांग्रेस के तीन प्रतिनिधि हैं। उनसे सत्र का समय बढ़ाने को सरकार पर दबाव बनाने की उम्मीद है।
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उन्होंने कहा कि अगले चरण में दो दिन 25 व 26 फरवरी को कांग्रेसजन सत्र बढ़ाने की मांग को लेकर अपने-अपने विधायकों को ज्ञापन देंगे। जरूरत पड़ी तो तीन मार्च से गैरसैंण पहुंचकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ सीडी के जिलावार प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी, लेकिन नहीं मिली। वह उक्त सीडी स्पीकर को सौंप चुके हैं।