हरिद्वार-ऊधमसिंहनगर का दूर हो पिछड़ापन
विकास की आकांक्षा वाले जिलों में शामिल हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर की उपेक्षा का मुद्दा कांग्रेस ने सदन में उठाया। मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि उक्त दोनों जिलों की जिला योजना की राशि में कटौती की गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
विकास की आकांक्षा वाले जिलों में शामिल हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर की उपेक्षा का मुद्दा कांग्रेस ने सदन में उठाया। मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि उक्त दोनों जिलों की जिला योजना की राशि में कटौती की गई है। साथ ही जिलों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए अतिरिक्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उक्त जिलों में जिला योजना के बजट में कटौती नहीं की गई है। इन जिलों में केंद्र सरकार की योजनाओं को असरदार तरीके से लागू करने पर जोर है। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा सत्र में नियम-58 के तहत उक्त मामला रखते हुए विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि केंद्र सरकार के विकास की आकांक्षा वाले जिलों की महत्वाकांक्षी योजना पर राज्य में काम नहीं हो रहा है। जिला योजना के बजट में कटौती से विकास पर असर पड़ा है। केंद्र और राज्य का डबल इंजन कामयाब साबित नहीं हो रहा है। जवाब में विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि विकास की आकांक्षा वाले जिलों की योजना प्रधानमंत्री का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इन जिलों में केंद्रपोषित योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है। उक्त दोनों जिलों के बजट में कटौती नहीं की गई। अब जिला योजना का बजट तय प्रक्रिया से मंजूर होता है। बीते वर्ष दोनों जिलों के लिए जिला योजना में अधिक बजट मंजूर किया गया।
तहसील भवन का हो निर्माण
कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने भगवानपुर तहसील भवन नहीं बनने का मामला नियम-58 के तहत उठाया। उन्होंने कहा कि तहसील भवन ब्लॉक कार्यालय से संचालित हो रहा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने तहसील भवन का शीघ्र निर्माण किए जाने पर जोर दिया। जवाब में विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि उक्त संबंध में कार्यवाही गतिमान है।
इनसेट-
विपक्ष का चश्मा ही खराब
महंगाई को लेकर हमला हो या हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर जिलों के बजट कटौती का मुद्दा, विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने आंकड़ों की जुबान से विपक्ष पर पलटवार किया। साथ ही यह चुटकी भी लेते रहे कि विपक्षी मित्रों का चश्मा ही खराब है।
विपक्ष ने नियम-58 के तहत कई मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ी, लेकिन विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत विपक्ष को जवाब देने के मोर्चे पर डटकर खड़े दिखे। इससे कई मौकों पर पहले हमला बोलने के बाद विपक्ष को निरुत्तर भी होना पड़ा।