Move to Jagran APP

दमयंती की प्रतिनियुक्ति पर उठे सवाल

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मिलने वाले विभागों में ही सुविधाजनक तैनाती पाती रहीं दमयंती रावत मूल विभाग शिक्षा में लौटेंगी इसे लेकर अब असमंजस गहरा गया है। पहले भी लंबे समय तक शिक्षा विभाग से अनुपस्थित रह चुकीं दमयंती को एनओसी देने को लेकर विवाद हो चुका है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 04:23 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 04:23 PM (IST)
दमयंती की प्रतिनियुक्ति पर उठे सवाल
दमयंती के शिक्षा विभाग में लौटने को लेकर असमंजस।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी (एईओ) पद से हटाई गईं दमयंती रावत को उनके मूल विभाग शिक्षा ने तीन साल से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं दी। आश्चर्यजनक ये है कि बोर्ड में उन्हें सौंपे गए पद को शासन से अनुमोदन नहीं मिला। इससे दमयंती की प्रतिनियुक्ति पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। पहले भी लंबे समय तक शिक्षा विभाग से अनुपस्थित रह चुकीं दमयंती को एनओसी देने को लेकर विवाद हो चुका है। शिक्षा विभाग ने आज तक उन्हें एनओसी नहीं दी है। 

loksabha election banner

बोर्ड में 2017 से अगले तीन साल तक एईओ पद पर रहने के दौरान भी उन्हें शिक्षा विभाग ने एनओसी नहीं दी। बाद में बोर्ड के अध्यक्ष श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने एईओ पद पर उनकी प्रतिनियुक्ति को अनुमोदन के लिए चिट्ठी शासन को भेजी। इसमें शिक्षा विभाग से तीन माह में एनओसी लेने की बात कही गई। तीन माह तो दूर तीन साल तक शिक्षा विभाग से एनओसी नहीं मिली। ऐसे में एईओ पद पर प्रतिनियुक्ति को भी शासन से अनुमोदन नहीं मिल पाया। शासन में संबंधित विभाग के सूत्रों की मानें तो तब से मामला अनिर्णित चला आ रहा है। ऐसे में बोर्ड के एईओ पद से दमयंती रावत को भले ही हटा दिया गया, लेकिन मूल विभाग शिक्षा में उनकी वापसी का मुद्दा फंसा हुआ है। 

शिक्षा विभाग को उनकी प्रतिनियुक्ति खत्म होने के बारे में शासन से निर्देशों की प्रतीक्षा है। पिछली कांग्रेस सरकार से लेकर वर्तमान भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के पास रहे विभागों में दमयंती रावत सुविधाजनक पदों पर तैनाती पाती रहीं हैं। पिछली सरकार में डॉ. हरक सिंह रावत के कृषि मंत्री रहते दमयंती रावत उत्तराखंड बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण अभिकरण के निदेशक पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत रहीं थी। तत्कालीन सरकार ने 20 मई 2016 को उनकी प्रतिनियुक्ति खत्म कर उन्हें मूल विभाग वापस कर दिया था। 

यह भी पढ़ें: फ्रंटफुट पर त्रिवेंद्र, कांग्रेस पर पलटवार

इसके बाद वह लंबे समय तक विभाग से गैर हाजिर रहीं। एक साल दो माह बाद यानी 10 जुलाई 2017 को उन्होंने शिक्षा विभाग में कार्यभार ग्रहण किया था। उनकी गैरहाजिरी को लेकर उन्हें आरोप पत्र भी दिया गया। बाद में अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी को उनके खिलाफ जांच सौंपी गई। यह जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी जा चुकी है। हालांकि इस बीच उन्हें उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के एईओ पद पर प्रतिनियुक्ति दे दी गई।

यह भी पढ़ें: हरक को दूसरा झटका, दमयंती को एईओ पद से हटाया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.