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हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर हटाने गई टीम का विरोध, धरने पर बैठे विधायक और ग्रामीण; जमकर हंगामा

मंदिर हटाने गई प्रशासन की टीम को पथरी क्षेत्र के बादशाहपुर और कनखल के जगजीतपुर क्षेत्र में भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 10:29 PM (IST)
हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर हटाने गई टीम का विरोध, धरने पर बैठे विधायक और ग्रामीण; जमकर हंगामा
हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर हटाने गई टीम का विरोध, धरने पर बैठे विधायक और ग्रामीण; जमकर हंगामा

हरिद्वार, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेश पर मंदिर हटाने गई प्रशासन की टीम को पथरी क्षेत्र के बादशाहपुर और कनखल के जगजीतपुर क्षेत्र में भारी विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा के चार विधायक धरने पर बैठ गए। बसपा, कांग्रेस और भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने भी नारेबाजी की। हंगामा बढ़ने पर प्रशासन ने मंदिर शिफ्ट करने के लिए पांच दिन की मोहलत दे दी, जबकि रानीपुर के जमालपुर खुर्द गांव में मंदिर समिति खुद ही पांच फीट का हिस्सा हटाने के लिए राजी हो गई है।

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हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन की एक टीम एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में पथरी क्षेत्र के बादशाहपुर गांव पहुंची। शांति व्यवस्था को देखते हुए सीओ मंगलौर अभय प्रताप सिंह पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गए। ग्रामीण कार्रवाई के विरोध में आ गए और हंगामा करने लगे। कुछ देर बाद हरिद्वार ग्रामीण विधायक यतीश्वरानंद, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल भी बादशाहपुर पहुंच गए और कार्रवाई का विरोध करते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गए। बसपा और कांग्रेस नेताओं ने भी मंदिर हटाने का विरोध किया। भाजपा विधायकों का कहना था कि मंदिर हटाया गया तो ईंट से ईंट बजा दी जाएगी। 

 

करीब तीन घंटे चले हंगामे और रस्साकशी के बाद एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने बादशाहपुर के साथ-साथ रानीमजरा और जगजीतपुर में मंदिर शिफ्ट करने के लिए पांच दिन का समय दे दिया। इससे पहले कनखल के जगजीतपुर फुटबॉल ग्राउंड के पास गड्ढा कॉलोनी में मंदिर हटाने पहुंचे तहसीलदार आशीष घिल्ड़ियाल व प्रशासन टीम को स्थानीय निवासियों ने घेर लिया। महापौर अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा, आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष हेमा भंडारी, सुराज सेवा दल के रमेश जोशी आदि ने मंदिर हटाने का विरोध किया। कनखल थानाध्यक्ष प्रकाश पोखरियाल, जगजीतपुर चौकी प्रभारी राजेंद्र रावत मय पुलिस बल कॉलोनी में प्रशासन की टीम के साथ डटे रहे। वहीं, रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के जमालपुर खुर्द गांव में तहसील की एक टीम ने पुलिस को साथ लेकर जमीन की पैमाईश की। मंदिर का करीब पांच फीट हिस्सा तालाब की जमीन में निकला। जिस पर मंदिर समिति खुद ही पांच फीट हिस्सा हटाने पर सहमत हो गई।

देशराज के आते ही लगे मुर्दाबाद के नारे

झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बादशाहपुर पहुंचने पर भीम आर्मी से जुड़े युवाओं और कुछ ग्रामीणों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी कर दी। उनका कहना था कि जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर भाजपा सरकार का रवैया ठीक नहीं है। विधायक देशराज कर्णवाल ने युवाओं को समझाया कि इस बारे में संगठन और सरकार में बात की जाएगी। 

भीम आर्मी सहमत नहीं, कार्यकर्ता देंगे मंदिर का पहरा

प्रशासन की ओर से पांच दिन की मोहलत मिलने के बाद भाजपा विधायक, कांग्रेस और बसपा नेता और ग्रामीण शांत हो गए, लेकिन भीम आर्मी ने इस फैसले से खुद को अलग कर लिया। इतना ही नहीं भीम आर्मी ने भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं पर श्रेय की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। भाजपा और भीम आर्मी नेताओं के बीच नोंक झोंक भी हुई। भीम आर्मी के महासचिव विकास रवि का कहना था कि पांच दिन की मोहलत हमें मंजूर नहीं है। पांच दिन तक भीम आर्मी कार्यकर्ता मंदिर की निगरानी करेंगे। किसी ने मंदिर को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

इन ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

मंदिर हटाने पहुची पुलिस प्रशासन की टीम का विरोध करने पहुंचे बसपा से शुभम सैनी, मोनू राणा, गोपाल, छोटू, जयन्त, जोहरा सिंह, ग्राम प्रधान जाफिर, गुलशन अंसारी, इरशाद अली, कवि राज, दीपक व बजरंग दल से सह संयोजक जिवेंद्र तोमर कार्यकर्ताओं संग बादशाहपुर पहुंचे। रविदास समिति के पद अधिकारी अध्यक्ष रामकुमार, अनिल कुमार, शिव कुमार, धर्म सिंह, रोहित, माकूल, तीर्थपाल रवि, राजपाल सहित ग्रामीण व महिलाओं ने विरोध जताया।

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एसडीएम सदर गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए प्रशासन की टीम बादशाहपुर, रानीमाजरा, जगजीतपुर व जमालपुर खुर्द गई थी। जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए मंदिर शिफ्ट करने के लिए पांच दिन का समय दिया गया है। पांच दिन बाद जमीन से निर्माण हटाया जाएगा। जमालपुर खुर्द में पैमाइश के बाद मंदिर समिति ने पांच फीट निर्माण खुद हटाने पर सहमति जता दी है।

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