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Citizenship Amendment Act: सात से 12 मार्च तक स्थगित रहेगा सीएए के खिलाफ धरना

नागरिकता संशोधन के खिलाफ धरने पर बैठे लोगों को उठाने की कोशिश की जिसपर उनकी पुलिस की नोकझोंक हुई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 08:31 PM (IST)
Citizenship Amendment Act: सात से 12 मार्च तक स्थगित रहेगा सीएए के खिलाफ धरना
Citizenship Amendment Act: सात से 12 मार्च तक स्थगित रहेगा सीएए के खिलाफ धरना

देहरादून, जेएनएन। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम समुदाय और उनके समर्थक सात मार्च से 12 मार्च तक धरने पर नहीं बैठेंगे। होली पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने आंदोलनकारियों से यह अपील की थी। जिस पर उन्होंने कुछ दिन के लिए धरना स्थगित करने की हामी भरी। 13 मार्च से धरना फिर शुरू कर दिया जाएगा।

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विगत 37 दिन से परेड मैदान स्थित धरनास्थल पर मुस्लिम समुदाय समेत अन्य संगठन सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरने पर बैठे हैं। सोमवार को भी उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहा। दोपहर बाद यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और भीड़ को धरनास्थल खाली करने के लिए कहा। इसको लेकर प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। इस पर एसपी सिटी श्वेता चौबे ने आंदोलनकारियों को समझाते हुए कहा कि होली का त्योहार नजदीक है। ऐसे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धरना स्थगित करवाया जा रहा है।

उन्होंने आशंका जताई कि होली पर शरारती तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं। धरने का नेतृत्व कर रही अधिवक्ता रजिया बेग ने पुलिस से आपस में चर्चा के लिए समय मांगा और शाम तक स्थिति स्पष्ट करने की बात कही। जिस पर पुलिस लौट गई। इसके बाद आंदोलनकारियों ने आपस में चर्चा कर निर्णय लिया कि होली के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, इसलिए कुछ दिन धरना स्थगित कर दिया जाए।

शाम चार बजे धरनास्थल पर ही पत्रकार वार्ता का आयोजन कर रजिया बेग ने बताया कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्र सरकार कोई उचित कदम नहीं उठाती। लेकिन, होली को देखते हुए फिलहाल सात मार्च से 12 मार्च तक धरना स्थगित किया जा रहा है। 13 से फिर धरना शुरू हो जाएगा। इस दौरान धरना स्थल पर सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की रहेगी।

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स्थगन पर उठे विरोध के स्वर

सात से 12 मार्च तक धरने के स्थगन के फैसले का कुछ लोगों ने विरोध भी किया। मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एक बार धरनास्थल से उठने के बाद उन्हें यहां दोबारा जगह मिलने पर संदेह है। ऐसे में एक दिन के लिए भी धरना स्थगित नहीं किया जाना चाहिए।

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