भारत में ग्रैंड लॉज के 24 हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्य
ग्रैंड लॉज ऑफ इंडिया के उत्तर क्षेत्र का दो दिवसीय अर्द्धवार्षिक सम्मेलन शनिवार को बार्लोगंज क्षेत्र के एक होटल में शुरू हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ ग्रैंड लॉज ऑफ इंडिया के गैंडमास्टर हरचरण सिंह रणौता ने किया। सम्मेलन की मेजबानी लॉज डलहौजी जीएलआइ-10 मसूरी और लॉज शिवालिक डॉ. दुर्गा प्रसाद जीएलआइ-62 देहरादून कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, मसूरी: ग्रैंड लॉज ऑफ इंडिया के उत्तर क्षेत्र का दो दिवसीय अर्द्धवार्षिक सम्मेलन शनिवार को बार्लोगंज क्षेत्र के एक होटल में शुरू हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ ग्रैंड लॉज ऑफ इंडिया के गैंडमास्टर हरचरण सिंह रणौता ने किया। सम्मेलन की मेजबानी लॉज डलहौजी जीएलआइ-10 मसूरी और लॉज शिवालिक डॉ. दुर्गा प्रसाद जीएलआइ-62 देहरादून कर रहे हैं।
इस दौरान ग्रैंडमास्टर हरचरण सिंह रणौता ने बताया कि अंग्रेजों की ओर से वर्ष 1817 में यूरोप में स्थापित लॉज यूरोप से बाहर सबसे पहले भारत में 1829 में शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में आज ग्रैंड लॉज की सदस्य संख्या 65 लाख है, जो विश्व की सबसे बड़ी संस्था है। बताया कि भारत में वर्तमान में ग्रैंड लॉज के 24 हजार से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। बताया कि मसूरी के जीएलआइ-10 की स्थापना 1854 में और देहरादून में 1902 में हुई थी। बताया कि सम्मेलन में पूरे उत्तर भारत से लगभग 400 से अधिक सदस्य भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में उत्तर क्षेत्र के सभी ग्रैंडमास्टर अपने कार्यो की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और इसी के आधार पर भविष्य की योजनाएं बनाई जाएंगी।
बताया कि ग्रैंड लॉज उत्तराखंड में विशेष रूप से सक्रिय रहा है। वर्ष 2013 की प्राकृतिक आपदा के बाद ग्रैंड लॉज ने प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीम भेजी थी। साथ ही रुद्रप्रयाग के लाडोली व नगरासू में दो इंटर कॉलेज के भवनों का पुनर्निर्माण करवाया गया था। हरचरण सिंह ने बताया कि हम चिकित्सालय, मेडिकल इंस्टीट्यूट, ओल्ड एज होम आदि प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। बताया कि अच्छा कार्य करने वाले क्षेत्रीय ग्रैंड लॉज को समीक्षा के बाद पुरस्कृत किया जाएगा। सम्मेलन में उत्तर भारत क्षेत्रीय ग्रैंडमास्टर डॉ. निर्मल सिंह सोढी, ग्रैंडमास्टर इलेक्ट राजीव खंडेलवाल, स्टिय¨रग कमेटी अध्यक्ष एके शर्मा, सुधीर अरोड़ा, नितिश मोहन अग्रवाल, आशीष एन. शर्मा, सुमित नंदा समेत कई लोग उपस्थित थे।
22 एमएसआरपी-2. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हरचरण सिंह रणौता और डॉ. निर्मल सिंह सोढी। जागरण