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दून शहर के 700 से अधिक प्रतिष्ठानों की कंपाउंडिंग संभव नहीं Dehradun News

आवासीय नक्शे पर चल रहे व्यापारिक गतिविधियां संचालित करने और सरकारी भूमि कब्जाकर खड़े किए गए अधिकतर भवनों पर सीलिंग की तलवार लटकती दिख रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 01:16 PM (IST)
दून शहर के 700 से अधिक प्रतिष्ठानों की कंपाउंडिंग संभव नहीं Dehradun News
दून शहर के 700 से अधिक प्रतिष्ठानों की कंपाउंडिंग संभव नहीं Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। आवासीय नक्शे पर चल रहे व्यापारिक गतिविधियां संचालित करने और सरकारी भूमि कब्जाकर खड़े किए गए अधिकतर भवनों पर सीलिंग की तलवार लटकती दिख रही है। इसकी बड़ी वजह यह है कि 700 के करीब निर्माण कंपाउंडिंग के दायरे में नहीं आ पा रहे हैं। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए शुरू की गई वन टाइम सेटेलमेंट (ओटीएस) योजना के दोनों फेज में 529 आवेदन ही अब तक एमडीडीए को मिल पाए हैं, जबकि 31 दिसंबर को योजना समाप्त हो रही है।

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वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम का दूसरा फेज अक्टूबर माह में शुरू किया गया था। दिसंबर तक के लिए योजना लागू है और इसके तहत अवैध भवनों को कंपाउंड करने के लिए मानकों में शिथिलता बरती गई है। साथ ही कंपाउंडिंग फीस भी पुरानी दरों पर वसूल की जा रही है। उम्मीद थी कि कारोबारी इस योजना का लाभ उठा पाएंगे और अधिकतर निर्माणों को वैध बना दिया जाएगा। पहले फेज में एमडीडीए को 357 आवेदन मिले थे और दूसरे फेज में महज 172 ही आवेदन मिल पाए हैं। पहले फेज में फिर भी काफी हद तक निर्माण वैध कर लिए गए। मगर दूसरे फेज में कम आवेदन आने के बाद भी ज्यादातर मामले लंबित चल रहे हैं।

ओटीएस में आए आवेदन

  • पहला फेज
  • कुल आवेदन आए, 357
  • पास किए गए, करीब 110
  • निरस्त आवेदन, करीब 133
  • लंबित प्रकरण, 106
  • दूसरा फेज
  • कुल आवेदन आए, 172
  • आवासीय श्रेणी, 72
  • कमर्शियल श्रेणी, 100
  • स्वीकृत आवेदन, 126 

एमडीडीए ने किए 1200 चालान

हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में एमडीडीए ने स्वीकृत नक्शे से भिन्न संचालन व सरकारी भूमि पर कब्जे के मामले में करीब 1200 भवनों के चालान किए हैं। इन्हें सीलिंग के नोटिस जारी किए गए हैं। राजपुर रोड पर जाखन व कुठालगेट तक बड़ी संख्या चालान किए गए हैं। यहां सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के प्रकरण भी सर्वाधिक हैं। इसके अलावा भी दून के विभिन्न हिस्सों पर मुख्य सड़कों पर बने भवनों के चालान किए गए हैं। 

लगातार चल रही सुनवाई, 31 के बाद सीलिंग

एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में जिन भवनों के चालान किए गए हैं, उनमें लगातार सुनवाई चल रही है। 31 दिसंबर तक जो भी प्रकरण कंपाउंडिंग के लिए वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम के तहत आ जाएंगे, उन पर नियमानुसार विचार किया जाएगा। वहीं, शेष सभी प्रकरणों पर बड़े स्तर पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। 

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इसलिए नहीं हो पा रही कंपाउंडिंग

  • जो भवन सरकारी भूमि पर बने हैं, उनका वह हिस्सा तोड़े जाने के बाद सेटबैक प्रभावित हो रहे हैं। लिहाजा, इनकी कंपाउंडिंग संभव नहीं है।
  • जो भवन निजी भूमि पर बने हैं, मगर उनमें नियमों की इतनी अनदेखी की गई है कि वह मानकों में शिथिलता के बाद भी वैध की श्रेणी में नहीं आ पा रहे।
  • बड़ी संख्या में ऐसे भवन भी हैं, जिन्होंने बेसमेंट में पार्किंग की जगह दुकान व रेस्तरां संचालित किए हैं। ऐसे निर्माण पूर्व में भी सील किए गए हैं और मानक पूरे न करने के चलते इन्हें राहत दे पाना संभव नहीं।

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