ऊर्जा निगमों के काम में आएगी पारदर्शिता
ऊर्जा क्षेत्र के सार्वजनिक निगमों के कामकाज में पारदर्शिता वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक जवाबदेही तय की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
ऊर्जा क्षेत्र के सार्वजनिक निगमों के कामकाज में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और प्रशासनिक जवाबदेही तय की जाएगी। इसके लिए सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की है।
ऊर्जा के तीनों निगमों ऊर्जा निगम, पारेषण निगम और जलविद्युत निगम में हर स्तर पर व्यापक सुधार नजर आएगा। निगमों को अपने कामकाज में भौतिक प्रगति और जवाबदेही को अहम अंग बनाना होगा। ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि राज्य बनने के बाद पहली बार कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रविधानों और राज्य सरकार की संवैधानिक शक्तियों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन निगमों पर प्रभावी और उचित नियंत्रण के लिए संवैधानिक प्रविधानों, कंपनी अधिनियम में सरकारी कंपनियों के लिए विशेष प्रविधानों और केंद्र सरकार में प्रचलित व्यवस्थाओं का व्यापक अध्ययन किया जाएगा। इसके लिए पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। समिति सरकार की नीतियों के क्रियान्वयन एवं जन आकांक्षाओं को पूरा करने में सार्वजनिक निगमों की भागीदारी को लेकर अपने सुझाव देगी।
ऊर्जा सचिव ने बताया कि राज्य बनने के बाद पहली बार ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों व पूर्णकालिक निदेशकों की भर्ती से संबंधित नियमों को एकीकृत किया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन नियमों को लागू किया गया है। उक्त पदों के लिए साक्षात्कार को बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट, केंद्रीय सतर्कता आयोग या राज्य सरकार के सतर्कता अधिष्ठान से सतर्कता प्रमाणपत्र प्राप्त को देखा जाता है। अनुशासनात्मक कार्यवाहियों के विषय में पूरा ब्योरा प्राप्त किया जाने लगा है। साथ में साक्षात्कार होने के बाद उसी दिन परिणाम घोषित किए जाते हैं। इससे आवेदन आने से लेकर नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता व गोपनीयता में संतुलन कायम हुआ है।
ऊर्जा सचिव ने बताया कि भर्ती नियमों की प्रासंगिकता बनाए रखने व सुयोग्य अभ्यर्थियों की अधिक भागीदारी के लिए नियमों की समीक्षा स्वतंत्र समिति से कराई जा रही है। समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय हैं। समिति केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के निदेशकों की भर्ती को प्रचलित नियमों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा।