व्यावसायिक वाहनों का बढ़ेगा किराया, एसटीए की बैठक लिया निर्णय
राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में व्यावसायिक वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़ा बढ़ाने पर सहमति जता दी गई है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में अब व्यावसायिक वाहनों में सफर करना व माल भेजना महंगा हो जाएगा। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में इन वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़ा बढ़ाने पर सहमति जता दी गई है। किराया कितना बढ़ाया जाएगा, इसका फैसला 21 जून को होगा।
किराया निर्धारण समिति द्वारा एसटीए के समक्ष प्रस्तुतिकरण के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा एसटीए ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को देहरादून से महेंद्रनगर (नेपाल) और दिल्ली से महेंद्रनगर के लिए परमिट देने पर सहमति दे दी है। अब इन बसों के संचालन की सहमति के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाएगा।
प्रदेश में लंबे समय से बस, विक्रम, टैंपो, टैक्सी व ट्रक संचालक किराया बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। एसटीए द्वारा वर्ष 2012 के बाद इनका किराया नहीं बढ़ाया गया है। बीते वर्ष शासन के निर्देश पर परिवहन विभाग ने किराया निर्धारण समिति का गठन किया था। इस समिति ने विस्तृत अध्ययन के बाद किराया बढ़ोतरी के संबंध में अपनी रिपोर्ट एसटीए को सौंपी। इस रिपोर्ट में यात्री किराया व माल भाड़े में 25 फीसद बढोतरी प्रस्तावित की गई। बीते माह भी एसटीए की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई थी लेकिन इस मसले पर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता के न पहुंचने से कोई फैसला नहीं हो पाया।
सोमवार को परिवहन मुख्यालय में हुई एसटीए की बैठक में याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने रोडवेज की बसों के समान ही किराया बढ़ाने की मांग की। अन्य पक्षकारों ने एसटीए से किराया निर्धारण समिति द्वारा प्रस्तावित किराये को लागू करने का अनुरोध किया। इसके बाद एसटीए के सदस्यों ने आपसी चर्चा के बाद व्यावसायिक वाहनों में यात्री किराया व माल भाड़ा बढ़ाने पर सहमति जताई।
परिवहन आयुक्त डी सेंथिल पांडियन ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि यात्री किराया व माल भाड़ा बढ़ाने पर सहमति बन गई है लेकिन किराया कितना बढ़ेगा इसका निर्णय 21 जून को लिया जाएगा। बैठक में सचिव एसटीए व अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह, सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह तथा नामित सदस्य उपस्थित थे।
यह भी पढ़ें: मैक्सी-कैब के चक्काजाम से दूसरे दिन भी थमी रही रफ्तार, यात्रियों की फजीहत
यह भी पढ़ें: वन्यजीव हमलों में मृत के परिजनों को अब तीन की जगह पांच लाख मुआवजा