सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, डिग्री बांटने तक सीमित न रहें विश्वविद्यालय
CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में चार शिक्षकों को डॉ. भक्तदर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों में डॉ. शिव दत्त तिवारी प्रोफेसर राजकीय डिग्री कॉलेज हल्द्वानी भी शामिल हैं।
देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलायन रोकने के लिए राज्य के विश्वविद्यालयों को सिर्फ डिग्री बांटने तक ही सीमित न रहने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों का खजाना है। इसके उपयोग के लिए विश्वविद्यालय शोध कार्यों को बढ़ावा दें, जिससे पलायन रुके और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलें। मुख्यमंत्री रविवार को दून विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के चार शिक्षकों को डॉ. भक्तदर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार भी प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरल स्वभाव और बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. भक्त दर्शन ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय कार्य किए। वह कुशल राजनीतिज्ञ, शिक्षक और संपादक थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अहम योगदान दिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव पहल कीं। उन्हें पहाड़ से विशेष प्रेम था। डॉ. भक्त दर्शन के शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए उत्कृष्ट योगदान के कारण राज्य सरकार ने उनके नाम पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौजूद संसाधनों से किस तरह आमजन के सामाजिक और आॢथक जीवन में सुधार लाया जा सकता है, इस पर शोध की आवश्यकता है। पलायन रोकने के लिए हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय उपजों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आॢथकी में सुधार लाने के लिए रूरल ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की गई है। पिछले छह माह में इन सेंटरों में छह करोड़ से अधिक की बिक्री हुई। इससे 60 लाख से अधिक का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख और कृषकों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके कर्नाटक आदि मौजूद रहे।
आठ नवंबर से राज्य के हर डिग्री कॉलेज में 4जी की सौगात: धन सिंह
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अगले साल से डॉ. भक्त दर्शन पुरस्कार 12 फरवरी को उनके जन्म दिवस पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जयहरीखाल डिग्री कॉलेज का नाम डॉ. भक्त दर्शन के नाम पर रखा गया है। पौड़ी के मुसेटी गांव में उनका स्मारक बनाया गया है। अब मुसेटी में डॉ. भक्त दर्शन द्वार बनाया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी राज्य के डिग्री कॉलेजों में 93 प्रतिशत फैकल्टी है। इसे जल्द शत प्रतिशत किया जाएगा। आठ नवंबर से राज्य के हर डिग्री कॉलेज में 4जी कनेक्टिविटी और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉ. भक्त दर्शन का जीवन पहाड़ों को रहा समॢपत
विधायक विनोद चमोली ने कहा कि डॉ. भक्त दर्शन का जीवन राजनीतिक शुचिता और पहाड़ को समॢपत रहा। उन्होंने कहा कि डॉ. भक्त दर्शन के बारे में छात्र-छात्राओं को अधिक जानकारी प्राप्त हो सके, इसलिए उनके जीवन एवं कार्यों पर आधारित जानकारी स्कूली पाठ्यक्रमों में होनी चाहिए।
इनको दिया गया डॉ. भक्तदर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहन चंद पांडेय को वाणिज्य व प्रबंधन, एमबी कॉलेज हल्द्वानी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिव दत्त तिवारी को वनस्पति विज्ञान, पं. ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश के प्रो. सतेंद्र कुमार को साहित्य व एमपीजी कॉलेज रामनगर के प्रो. डॉ. संजय कुमार को इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
हर वर्ष राज्य के तीन छात्रों को डीएस रावत छात्रवृत्ति
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की हेमवती नंदन बहुगुणा विवि के पूर्व कुलपति डॉ. डीएस रावत के नाम पर उच्च शिक्षा में विज्ञान, कॉमर्स व सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले तीन छात्रों को प्रतिवर्ष डीएस रावत छात्रवृत्ति दी जाएगी।