CM त्रिवेंद्र रावत पहुंचे राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज, सफारी मार्ग का भी किया निरीक्षण
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत निजी कार्यक्रम के तहत राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज पहुंचे। यहां उन्होंने चीला में राजाजी पार्क प्रशासन के द्वारा बनवाई जा रही चीला सफारी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां मौजूद पार्क निदेशकसे उन्होंने आवश्यक मुद्दों को लेकर चर्चा भी की।
ऋषिकेशए जेएनएन। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत निजी कार्यक्रम के तहत राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज पहुंचे। यहां उन्होंने चीला में राजाजी पार्क प्रशासन के द्वारा बनवाई जा रही चीला सफारी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां मौजूद पार्क निदेशक डीके सिंह से उन्होंने आवश्यक मुद्दों को लेकर चर्चा भी की।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत शनिवार की शाम यहां पहुंच गए थे। गढ़वाल मंडल विकास निगम के चीला स्थित अतिथि गृह में उन्होंने रात्रि विश्राम किया। सुबह मुख्यमंत्री चीला में राजाजी पार्क प्रशासन के द्वारा बनवाई जा रही चीला सफारी मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां मौजूद पार्क निदेशक डीके सिंह से उन्होंने आवश्यक चर्चा को।
पार्क निदेशक ने उन्हें बताया कि कोविड-19 की नई गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए 15 नवंबर से राजाजी पार्क को पर्यटकों के लिए खोले जाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत सफारी रोड को ठीक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अभी यहां वन विभाग के अतिथि गृह में अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी अनिल पैन्यूली ने बताया कि मुख्यमंत्री का यह व्यक्तिगत कार्यक्रम है। उन्होंने पार्क खोलने की तैयारियों को बेहतर ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए।
सैलानियों के लिए खुलेगी चौरासी कुटि
भावातीत ध्यान के प्रणेता महर्षि महेश योगी की साधना स्थली रही चौरासी कुटी अब फिर से सैलानियों को अपने मोहपाश में बांधने को तैयार है। राजाजी नेशनल पार्क की गौहरी रेंज में ऋषिकेश से सात किमी के फासले पर सुरम्य वादी में है यह स्थली। महर्षि महेश योगी ने 1970 में यहां शंकराचार्यनगर की स्थापना की। योग साधना को गुंबदनुमा 84 कुटियाएं बनवाई गई। फिर यह स्थल चौरासी कुटी के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
मशहूर रॉक बैंड बीटल्स गु्रप ने भी कई गीतों की धुनें यहीं तैयार की। राजाजी पार्क के अस्तित्व में आने पर चौरासी कुटी बंद कर दी गई। 2015 में यह धरोहर सैलानियों के लिए खोली गई। तब से इसके कद्रदान निरंतर वहां का रुख कर रहे हैं। गत वर्ष 41 हजार से ज्यादा सैलानी चौरासी कुटी पहुंचे थे। कोविड के कारण मार्च से बंद इस स्थली को अब 15 अक्टूबर से खोलने की तैयारी है।