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सीएम को मिले 'फ्री हैंड' ने तय किए भाजपा के टिकट

मुख्यमंत्री को मिले फ्री हैंड का असर महापौर और नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर प्रत्याशी चयन में देखने में भी आया।

By Edited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 11:26 AM (IST)
सीएम को मिले 'फ्री हैंड' ने तय किए भाजपा के टिकट
सीएम को मिले 'फ्री हैंड' ने तय किए भाजपा के टिकट

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद पहली मर्तबा 'सबका साथ सबका विकास' के नारे के साथ जनता के बीच जा रही भाजपा अब निकाय चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रही है। निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर जिस तरह सतर्कता बरती गई, उससे यह बात साबित भी होती है। निकायों में भी विस जैसा प्रदर्शन दोहराने के मद्देनजर टिकटों के निर्धारण में पार्टी संगठन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पसंद को अधिक तवज्जो दी। 

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मुख्यमंत्री को मिले फ्री हैंड का असर महापौर और नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर प्रत्याशी चयन में देखने में भी आया। भाजपा के लिए निकाय चुनाव बेहद प्रतिष्ठापूर्ण हैं और इनमें परचम फहराने के लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। यह चुनाव सरकार के साथ ही भाजपा संगठन के लिए भी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। 

इसे देखते हुए प्रत्याशियों के चयन में सरकार और संगठन में गजब का तालमेल देखने में नजर आया। खासकर मुख्यमंत्री को प्रत्याशी चयन में खुला हाथ मिला। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में पैनल में आए हरेक नाम पर गहनता से मंथन हुआ। 

प्रत्याशी चयन में मुख्यमंत्री की पसंद के उम्मीदवारों को तवज्जो मिली। हालांकि, राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ ही पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष और कुछ अन्य पदाधिकारियों की राय भी अहम रही। सभी को पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी-जान से जुट जाने के निर्देश दिए गए। 

साथ ही यह भी कहा गया कि यदि कहीं कोई नाराजगी के सुर उभरते हैं तो इन्हें थामने के लिए मंत्री और विधायक अहम भूमिका निभाएंगे। प्रत्याशी चयन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद भगत सिंह कोश्यारी व भुवन चंद्र खंडूड़ी और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने खास रुचि नहीं ली। 

चुनाव संचालन समिति की बैठक में भाग न लेने को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। अलबत्ता, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह ने रुचि ली और वे निकाय चुनाव संचालन समिति की बैठक में शामिल भी हुए। बताया गया कि कुछेक स्थानों पर उनकी राय भी अहम रही।

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