सरकार ने कुंभ मेले के लिए 402 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की
कुंभ मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए सरकार ने तात्कालिक रूप से 402 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित कर दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कुंभ मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए सरकार ने तात्कालिक रूप से 402 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित कर दी है। इसके सापेक्ष 154 करोड़ रुपये संबंधित विभागों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेले से जुड़े अधिकारियों को कार्यों का स्पष्ट रोड मैप तैयार कर समयबद्धता के साथ कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए सभी अखाड़ों से समन्वय कर उनके सुझावों पर ध्यान दिया जाए। जिन स्थायी निर्माण कार्यों के अभी शासनादेश जारी नहीं किए गए हैं, उन्हें शीघ्र जारी किया जाए।
सचिवालय में कुंभ मेले के आयोजन से संबंधित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिए डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है, उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर पूर्ण करने के प्रयास हों। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि यदि निजी संस्थाएं स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती हैं तो इसके लिए उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडरग्राउंड किए जाने के कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए।
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नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने संत महात्माओं के सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा। बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने मेलाक्षेत्र एवं मेले में की जाने वाली व्यवस्थाओं का प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव आनंद वर्धन, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन, महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी के साथ ही संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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