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मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- गुरुकुल कांगड़ी का राष्ट्र निर्माण में रहा बड़ा योगदान

रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देवभूमि विज्ञान समिति की ओर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत स्वतंत्रता संग्राम में गुरुकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुकुल कांगड़ी का राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 09:09 PM (IST)
मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- गुरुकुल कांगड़ी का राष्ट्र निर्माण में रहा बड़ा योगदान
मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- गुरुकुल कांगड़ी का राष्ट्र निर्माण में रहा बड़ा योगदान।

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देवभूमि विज्ञान समिति की ओर से स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित 'स्वतंत्रता संग्राम में गुरुकुल कांगड़ी का अप्रतिम योगदान' कार्यक्रम को अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया।

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मुख्यमंत्री ने वेबिनार के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय का शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में भी योगदान रहा है। 19वीं सदी के कालखंड में भारत में जिन महानुभावों ने जन जागृति की ज्योत जगायी उनमें ऋषि दयानंद का प्रमुख स्थान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी दयानंद ने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की जो नींव डाली उससे भारत में पुनः सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपनी विशिष्ट योगदान दिया। आर्य समाज की स्थापना जहां उनके की ओर से किया गया महान कार्य था वहीं गुरूकुल आधारित शिक्षा प्रणाली को पुनः मुख्य धारा से जोड़ने का महान कार्य उन्होंने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी एक विश्व विद्यालय ही नहीं, बल्कि राष्ट्र आराधना के लिए तत्पर एक तीर्थ के समान भी है।

उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद ने सामाजिक जन जागरण की जो दृष्टि दिखाई उसे कार्यरूप में परिणति तक पहुंचाने का कार्य उनके महान शिष्य स्वामी श्रद्धानंद ने 1901 में गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना कर की। स्वामी श्रद्धानंद की ओर से अंग्रजों द्वारा लागू की गई शिक्षा पद्धति के स्थान पर वैदिक धर्म तथा भारतीयता की शिक्षा देने के लिये स्थापित गुरुकुल विद्यालय आज गुरुकुल कांगड़ी विश्व विद्यालय के रूप में शिक्षा का प्रमुख केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना देते हुए स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले संस्थान के योगदान पर सेमिनार के आयोजन के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन देवभूमि विज्ञान समिति के सचिव डा हेमवती नंदन गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय ने किया।

इस कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक आदेश चौहान, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयंत सहस्त्रबुद्धे, प्रो. रूप किशोर शास्त्री कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, प्रो केडी पुरोहित अध्यक्ष देवभूमि विज्ञान समिति प्रो. एनएस भंडारी, डॉ. नरेंद्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया।

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