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सीएम ने केदारनाथ में यात्री के साथ कथित अभद्रता की जांच के दिए आदेश

केदारनाथ धाम में एक यात्री परिवार के साथ पुलिस द्वारा कथित अभद्रता की खबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंभीरता से लेते हुए डीएम रुद्रप्रयाग को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।

By Edited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 04:24 PM (IST)
सीएम ने केदारनाथ में यात्री के साथ कथित अभद्रता की जांच के दिए आदेश
सीएम ने केदारनाथ में यात्री के साथ कथित अभद्रता की जांच के दिए आदेश
देहरादून, राज्य ब्यूरो। केदारनाथ धाम में एक यात्री परिवार के साथ पुलिस की कथित अभद्रता की खबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंभीरता से लेते हुए डीएम रुद्रप्रयाग को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में इस वर्ष अभी तक लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं। कभी ऐसी शिकायत नहीं मिली। ऐसे में घटना की सत्यता की निष्पक्ष जांच जरूरी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने संयुक्त मजिस्ट्रेट और सीओ केदारनाथ को संयुक्त रूप से मामले की जांच सौंपी है। वह सीसीटीवी फुटेज देखने के साथ ही लोगों से पूछताछ करेंगे। 
डीएम ने स्थानीय पुलिस की ओर से दी गई प्रारंभिक रिपोर्ट के हवाले से सरकार को अवगत कराया है कि छह जून को एक व्यक्ति ने वीडियो संदेश के जरिये बताया कि वह और उसका परिवार केदारनाथ दर्शन को आए थे। आरोप है कि वहां नियुक्त पुलिसकर्मियों द्वारा उनके साथ अभद्रता व मारपीट की गई। बताया गया कि वर्तमान में केदारनाथ में श्रद्धालुओं की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या के कारण लंबी लाइन लग रही है। 
कुछ दिन से व्यवस्था की गई है कि मंदिर के गर्भगृह में बिना चक्कर लगाए ही श्रद्धालु बाहर आएंगे और अत्यधिक समयावधि तक भीतर खड़े नहीं रहेंगे। इस सिलसिले में व्यवस्था के दृष्टिगत गर्भगृह में महिला उपनिरीक्षक और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। कुछ लोगों को निजी स्वार्थों के चलते यह व्यवस्था रास नहीं आ रही। घटनाक्रम के संबंध में स्पष्ट किया गया कि मध्य प्रदेश के किसी वीआइपी का हवाला देते हुए एक परिवार ने मंदिर के अंदर जाने की जिद की। यही नहीं, झूठ बोला गया कि उनके साथ बुजुर्ग लोग भी हैं। 
इस परिवार ने आरोप लगाया गया कि उनकी 14 साल की बालिका को उठाकर फेंका गया, जबकि हकीकत यह है कि बालिका का पैर किसी अन्य श्रद्धालु की वजह से दब गया था। इस परिवार द्वारा धक्कामुक्की करने पर वहां तैनात उपनिरीक्षक उन्हें बाहर लाए और मंदिर की व्यवस्था के बारे में बताया। परिवार के सदस्यों के अनुरोध पर परिवार को पुलिस की मदद से दर्शन कराए गए। प्रथम दृष्ट्या आरोपों की पुष्टि नहीं हुई, मगर फिर भी विस्तृत जांच कराई जा रही है।

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