झोलाछाप का क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब किया गया सील Dehradun News
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने एक झोलाछाप का क्लीनिक सील कर दिया गया। जबकि एक पैथोलॉजी लैब को सील की और एक को नोटिस जारी किया गया है।
देहरादून, जेएनएन। स्वास्थ्य महकमा आवश्यकता के मुताबिक डॉक्टरों का इंतजाम नहीं कर पाया है। जिसका फायदा झोलाछाप बखूबी उठा रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक इनका मकड़जाल फैला हुआ है। जनपद देहरादून, जहां सरकार बैठती है और जहां सिस्टम जन स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं तैयार करता है, वहां भी इनकी तादाद कम नहीं है। जिनके खिलाफ अब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। बुधवार को संयुक्त टीम ने एक झोलाछाप का क्लीनिक सील कर दिया गया। जबकि एक पैथोलॉजी लैब को सील की और एक को नोटिस जारी किया गया है।
टीम ने सबसे पहले सालावाला स्थित एक झोलाछाप के क्लीनिक पर छापा मारा। झोलाछाप के पास न तो पंजीकरण था और न ही किसी तरह की डिग्री। वह मरीजों को यूं ही दवा बांट रहा था। टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया। इसके बाद टीम ने डाकरा बाजार स्थित लाइव केयर पैथोलॉजी में छापेमारी की। लैब के पास भी पंजीकरण नहीं था। इसके अलावा तमाम मानकों पर भी लैब फेल साबित हुई, जिस पर लैब को भी सील कर दिया गया। टीम ने रिस्पना पुल स्थित स्वाति पैथोलॉजी लैब में भी छापेमारी की। वहां पर मानकों के अनुसार, बायो मेडिकल कचरे का निस्तारण होना नहीं पाया गया।
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लैब को नोटिस जारी किया गया। टीम में सहायक मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सिंह, एसडीएम संगीता कनौजिया, वरिष्ठ सहायक दिनेश बिष्ट, अभिषेक त्रिपाठी, विनीत पांथरी आदि शामिल रहे। डॉ. सिंह ने बताया कि महकमा झोलाछाप पर नियमित कार्रवाई करता रहा है, पर अब चरणबद्ध ढंग से अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसा कोई भी मामला उनकी जानकारी में है तो तुरंत इसकी सूचना विभाग को दें।
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