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कल से गरमी से मिल सकती है राहत

गर्मी चरम पर है और पारा 40 के आंकड़े को छू रहा है। ऐसे में कल से प्रदेश में कुछ राहत मिलने के आसार हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 08:06 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 08:06 PM (IST)
कल से गरमी से मिल सकती है राहत
कल से गरमी से मिल सकती है राहत

जागरण संवाददाता, देहरादून : गर्मी चरम पर है और पारा 40 के आंकड़े को छू रहा है। ऐसे में कल से प्रदेश में कुछ राहत मिलने के आसार हैं। दून और मसूरी में भी मौसम करवट लेने लगा है। मसूरी में हल्की बूंदाबांदी से मौसम सुहावना हो गया। वहीं, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, और मसूरी में अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जबकि, रुड़की, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार है। देहरादून में भी यह 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार से प्रदेश को कुछ राहत मिल सकती है। गुरुवार और शुक्रवार को प्रदेश में पहाड़ों में बारिश तो मैदानों में 60 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है।

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मंगलवार को दून में दिनभर चिलचिलाती धूप खिली रही और दिनभर गर्मी से लोग बेहाल रहे। जबकि, मसूरी में देर शाम मौसम ने करवट बदली और हल्की बूंदाबांदी हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया और पारे में गिरावट दर्ज की गई। इधर, दून में भी शाम को हल्की हवाएं चलने से गर्मी से कुछ राहत महसूस की गई। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश की संभावना है, जबकि शेष राज्य में मौसम साफ रहेगा। 28 मई से दून समेत प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश और अंधड़ की संभावना है। इस दौरान पहाड़ों में बारिश और ओलावृष्टि, जबकि मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।

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डस्टी-हेज से 'अदृश्य' हुआ मसूरी

तेजी से बढ़े तापमान से दून में वातावरण शुष्क हो गया है, जिससे धूल के कण वातावरण में उड़ने लगते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि इसे डस्टी-हेज कंडीशन कहते हैं। जब बड़ी मात्रा में धूल के कण आसमान में एक परत बना लेते हैं और दृश्यता घट जाती है। इस समय दून में भी यही हुआ है। धुंध की परत के कारण मसूरी की पहाड़ियां नहीं दिख रही हैं। यह बारिश के बाद ही स्पष्ट दिखाई देंगीं। बताया कि धुंध एक वायुमंडलीय घटना है, जहा हवा में धूल, धुएं और सूखे कण आकाश की स्पष्टता को अस्पष्ट करते हैं। वायुमंडलीय अस्पष्टता के कई कारक होते हैं। इनमें धुंध, कोहरा, धूल, रेत, आग का धुआं आदि शामिल हैं।

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विभिन्न शहरों में तापमान

शहर, अधि. न्यून.

देहरादून 39.8 21.2

उत्तरकाशी 29.2 17.5

मसूरी 27.8 18.0

टिहरी 28.6 15.2

हरिद्वार 41.2 22.3

जोशीमठ 27.2 16.2

पिथौरागढ़ 32.3 16.7

अल्मोड़ा 31.4 17.6

मुक्तेश्वर 29.1 15.3

नैनीताल 29.6 19.0

यूएसनगर 41.0 20.2

चम्पावत 30.7 18.7


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