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वॉर मेमोरियल का रास्ता साफ, 16 दिसंबर को लोकार्पण

चीड़ बाग में बनने वाले वॉर मेमोरियल (युद्ध स्मारक) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। टेंडर में तीन कंपनियों में से एक कंपनी का चयन कैंट बोर्ड ने कर लिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 07:25 PM (IST)
वॉर मेमोरियल का रास्ता साफ, 16 दिसंबर को लोकार्पण
वॉर मेमोरियल का रास्ता साफ, 16 दिसंबर को लोकार्पण

देहरादून, [जेएनएन]: गढ़ी कैंट बोर्ड क्षेत्र स्थित चीड़ बाग में बनने वाले वॉर मेमोरियल (युद्ध स्मारक) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पहली बार टेंडर प्रक्रिया अधर में लटक जाने के बाद दोबारा आमंत्रित किए गए टेंडर में तीन कंपनियों में से एक कंपनी का चयन कैंट बोर्ड ने कर लिया। पिछली दफा जारी टेंडर के किसी भी कंपनी के प्रतिभाग न करने के बाद उसे निरस्त कर दिया गया था।

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मंगलवार को आयोजित कैंट बोर्ड की बैठक में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले वॉर मेमोरियल के लिए निर्माण कंपनी का चयन करने के साथ ही एक सप्ताह के भीतर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल बलराज मेहता ने कहा कि समय पर काम शुरू करने के साथ ही कंपनी को तय समय पर काम भी समाप्त करना होगा, क्योंकि 16 दिसंबर को विजय दिवस पर इसका लोकार्पण किया जाना है। 

इसके अलावा बोर्ड बैठक में फड़/रेहड़ी लगाने वालों से तह बाजारी वसूल करने की जिम्मेदारी आउट सोर्सिंग पर दे दी है। इस काम के लिए निजी कंपनी का चयन करने के साथ ही बोर्ड को मिलने वाला राजस्व भी तय किया गया। संबंधित कंपनी मौजूदा वित्तीय वर्ष में 12.21 लाख रुपये कैंट बोर्ड को देगी, जबकि वित्तीय वर्ष 18-19 के लिए 13.13 लाख रुपये तय किए गए हैं। बैठक में सीईओ जाकिर हुसैन, उपाध्यक्ष राजिंदर कौर, भरत लाल, विनीत सिंह, सुशील कुमार, डीके बर्थवाल, विनोद पंवार, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

डेंटल ओपीडी की फीस 30 रुपये

कैंट अस्पताल में हाल ही में शुरू किए गए डेंटल विभाग की ओपीडी का शुल्क भी तय कर दिया गया है। यहां आने वाले मरीजों को ओपीडी शुल्क के रूप में 30 रुपये अदा करने होंगे। इसके अलावा विभिन्न अन्य शुल्क भी निर्धारित किए गए। 

कैंट में बनेंगे सात सोलर प्लांट

कैंट बोर्ड बैठक में सात सोलर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। यह सोलर प्लांट कैंट के विभिन्न सरकारी भवनों को रोशन करेंगे। यह प्लांट कैंट बोर्ड कार्यालय, कैंट अस्पताल, स्कूल, गेस्ट हाउस आदि भवनों में स्थापित किए जाएंगे और इनसे 100 केवी (किलोवाट) से अधिक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वैकल्पिक ऊर्जा की दिशा में कैंट बोर्ड का यह बड़ा कदम होगा।

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